वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों पर जागरूकता के लिए डालसा ने ओल्ड एज होम में किया कार्यक्रम आयोजित

SHARE:

विश्व वरिष्ठ नागरिक दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), जमशेदपुर द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय ओल्ड एज होम में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य वृद्धजनों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार को रोकना और उनके अधिकारों की जानकारी देना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डालसा सचिव धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई क़ानून हैं जो उनके सम्मानपूर्ण जीवन और भरण-पोषण के अधिकार को सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए बताया कि अब माता-पिता पुत्र या पुत्री दोनों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह केवल क़ानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और नैतिकता का भी हिस्सा है कि संतान अपने माता-पिता की सेवा करें। विशेष रूप से उन्होंने धारा 144(1)(d) के अंतर्गत वृद्ध माता-पिता की सुरक्षा के प्रावधानों को रेखांकित किया।

वरिष्ठ नागरिक संरक्षण अधिनियम की जानकारी दी गई

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ मध्यस्थ अधिवक्ता के.के. सिन्हा ने वरिष्ठ नागरिकों का संरक्षण और भरण-पोषण अधिनियम, 2007 की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी बुजुर्ग को छोड़ देता है, तो उसे तीन माह की सजा या पांच हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम संतान की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है और बुज़ुर्गों के साथ हिंसा या उपेक्षा को कानूनी अपराध मानता है।

बुज़ुर्गों ने साझा की समस्याएं

कार्यक्रम के दौरान वृद्धजनों ने अपनी व्यक्तिगत समस्याएं भी साझा कीं। इस पर डालसा सचिव ने समाधान के लिए पहल करने और 15 दिनों के भीतर भ्रमण कर स्थिति का आकलन करने की बात कही।

कार्यक्रम में डालसा के प्रधान सहायक संजय कुमार, पीएलवी प्रकाश मिश्रा, संजय तिवारी, नागेन्द्र कुमार, दिलीप जायसवाल, आशीष प्रजापति, सुनीता कुमारी, सुनीता झा सहित ओल्ड एज होम के कई वृद्ध महिला-पुरुष उपस्थित थे।

Leave a Comment