ओडिशा के कोणार्क से आए सुप्रसिद्ध रथ निर्माता के साथ हुआ ऐतिहासिक अनुबंध
Seraikela: आगामी रथयात्रा महोत्सव 2025 को लेकर जगन्नाथ सेवा समिति सरायकेला ने तैयारियाँ जोर-शोर से शुरू कर दी हैं। इस वर्ष महोत्सव को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए समिति ने एक बड़ा कदम उठाया है। समिति ने पहली बार पारंपरिक शिल्पकला में निर्मित एक नया रथ बनाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए ओडिशा के प्रसिद्ध रथ निर्माता गुरु प्रसाद महाराणा से अनुबंध किया गया है।
4.20 लाख की लागत से बनेगा लकड़ी का शिल्पयुक्त रथ
बैठक में यह तय हुआ कि रथ निर्माण की कुल लागत 4.20 लाख रुपये होगी, जिसमें से एक लाख रुपये अग्रिम भुगतान कर दिया गया है। बाकी की राशि पाँच किस्तों में दी जाएगी। यह रथ पूरी तरह से उड़ीसी लकड़ी शिल्पकला पर आधारित होगा, जिसमें धार्मिक प्रतीकों और शास्त्रीय नक्काशी को प्रमुखता दी जाएगी।
अक्षय तृतीया पर विधिवत पूजा के साथ होगी शुरुआत
रथ निर्माण कार्य की शुरुआत 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर की जाएगी। इस दिन विधिवत पूजा-अर्चना कर रथ निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा। गुरु प्रसाद महाराणा ने बताया कि यह रथ न केवल महोत्सव का आकर्षण रहेगा, बल्कि सरायकेला की सांस्कृतिक धरोहर को भी नई ऊँचाई देगा।
जनता की मांग पर लिया गया निर्णय, चंपई सोरेन का मिलेगा सहयोग
समिति के अध्यक्ष राजा सिंह देव ने बताया कि सरायकेला में नया रथ निर्माण जनता की वर्षों पुरानी मांग थी, जिसे इस वर्ष पूरा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्य में स्थानीय विधायक सह पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का विशेष सहयोग रहेगा। रथ निर्माण के लिए आवश्यक लकड़ियाँ जमशेदपुर से मंगाई जा रही हैं, जिन्हें परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा के बाद उपयोग में लाया जाएगा।
रथयात्रा महोत्सव में रहेंगे अनेक गणमान्य अतिथि
इस शुभ अवसर पर सरायकेला राजा प्रताप आदित्य सिंह देव, विधायक चंपई सोरेन, जगन्नाथ भक्तगण, और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। समिति ने क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस पुण्य कार्य में सहभागी बनें और रथयात्रा महोत्सव 2025 को ऐतिहासिक बनाने में अपना योगदान दें।
सरायकेला रथयात्रा इस बार न केवल धार्मिक भावना का उत्सव होगी, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी।
