जल पुरुष सिमोन उरांव की तबीयत खराब, प्रशासन से मिली राहत का आश्वासन
Ranchi : रांची के बेड़ो प्रखंड में जल संरक्षण के लिए समर्पित पद्मश्री सिमोन उरांव की तबीयत इन दिनों ठीक नहीं है। उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने सोमवार को उनके घर जाकर हालचाल लिया।
इस दौरान उन्होंने स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर जानकारी ली कि सिमोन उरांव की पेंशन और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाला राशन बंद हो गया है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए डॉ. लकड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द उन्हें उनकी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
जल्द मिलेगी पेंशन और राशन सुविधा
प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि 5 मार्च तक उनकी पेंशन और राशन की व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। डॉ. लकड़ा ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
बारीडीह आवासीय विद्यालय की बदहाल स्थिति उजागर
बेड़ो दौरे के दौरान डॉ. आशा लकड़ा ने राजकीय अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय, बारीडीह का भी निरीक्षण किया, जहां शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा उजागर हुई।
स्कूल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि –
छात्रों के लिए न तो बेंच-डेस्क हैं और न ही बैठने के लिए दरी।
बच्चे उसी कमरे में पढ़ते और सोते हैं।
भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है।
रसोईघर की हालत दयनीय है, सफाई व्यवस्था लगभग न के बराबर है।
बच्चों की सेहत से खिलवाड़
डॉ. लकड़ा ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “रसोईघर के नाम पर केवल एक टीन का शेड है, जहां से दुर्गंध आ रही थी। रसोइया कीचड़ वाले स्थान पर खाना बना रही थी, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।”
उन्होंने बंद कमरे में बच्चों से बातचीत की, जिसमें छात्रों ने खुलकर अपनी परेशानियां बताईं। उनकी शिकायतों से स्कूल प्रशासन की लापरवाही उजागर हो गई।
राज्य सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
डॉ. लकड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग आदिवासी समाज के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए काम करता है।
उन्होंने कहा, “आवासीय विद्यालय की स्थिति किसी गोशाला से भी बदतर है। यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।”
इस मामले में जल्द ही राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि बच्चों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
