जमशेदपुर : 54वीं स्टेट्समैन विंटेज एंड क्लासिक कार रैली में लगातार 31वीं बार भाग लेने के लिए जमशेदपुर के गुरमुख सिंह खोखर, रसिक लाल टांक और रौनक सिंह खोखर आज सुबह रवाना हुए। रैली में शामिल होने से पहले सुबह 6:00 बजे गुरुद्वारा में अरदास कर उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की। रैली में भाग लेने के दौरान ये तीनों अनुभवी शौक़ीन जादूगोड़ा स्थित मां रुक्मिणी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी यात्रा की सफलता के लिए पूजा-अर्चना की। यात्रा के दौरान सुबह 8:15 बजे मंदिर से प्रस्थान कर देर शाम ये कारवां कोलकाता पहुंच गया।
विंटेज कार रैली का आयोजन और मूल्यांकन प्रक्रिया
18 जनवरी 2025 को रैली में शामिल होने वाले विंटेज और क्लासिक वाहनों की जांच जजों की तीन अलग-अलग टीमों द्वारा की जाएगी। इन टीमों द्वारा वाहनों की ओथेंटिसिटी (प्रामाणिकता), ओरिजिनलिटी (मूल स्वरूप), मेकैनिकल वर्क (तकनीकी स्थिति) और कोच वर्क (बॉडी वर्क की बारीकी) का सूक्ष्मता से मूल्यांकन किया जाएगा। 19 जनवरी 2025 को सुबह 8:00 बजे कोलकाता से इस प्रतिष्ठित विंटेज कार रैली का शुभारंभ होगा, जिसमें देश भर के विभिन्न शहरों से कई विंटेज और क्लासिक कारें भाग लेंगी। यह रैली विंटेज कार प्रेमियों के लिए एक बड़ा आयोजन है और इसे ऐतिहासिक गाड़ियों की शान-ओ-शौकत का प्रतीक माना जाता है।
खोखर परिवार की यात्रा और विंटेज कार प्रेम
खोखर परिवार जमशेदपुर के विंटेज कार प्रेमियों के बीच एक प्रतिष्ठित नाम है। वे लगातार 31 वर्षों से इस रैली में भाग लेकर अपने अनुभव और समर्पण को दर्शा रहे हैं। परिवार के सदस्य विंटेज कारों के प्रति अपने जुनून और संरक्षण के लिए पहचाने जाते हैं। गुरमुख सिंह खोखर ने कहा, “यह सिर्फ एक रैली नहीं है, बल्कि हमारी विरासत और जुनून को जीवित रखने का एक जरिया है। हर साल हम इस आयोजन के लिए उत्सुक रहते हैं और इसे अपनी परंपरा का हिस्सा मानते हैं।”
विंटेज कार रैली का महत्व
स्टेट्समैन विंटेज एंड क्लासिक कार रैली एशिया की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित विंटेज कार रैलियों में से एक है। यह आयोजन न केवल इतिहास को सहेजने का माध्यम है, बल्कि गाड़ियों के अनोखे डिजाइन और तकनीक का प्रदर्शन भी करता है। हर साल इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक कोलकाता आते हैं। खोखर परिवार की इस यात्रा ने रैली में उनकी गहरी भागीदारी और योगदान को एक बार फिर उजागर किया है। 19 जनवरी को यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी कारें जजों की कसौटी पर कितनी खरी उतरती हैं।