नवजात से लेकर 8 महीने तक के बच्चे तक फैल रहा HMPV वायरस, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय।

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HMPV : बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में हाल ही में एक नवजात शिशु और 8 महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण के मामले सामने आए हैं। अस्पताल से छुट्टी पा चुके नवजात के बाद, 8 महीने के बच्चे की 3 जनवरी को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि बच्चा अब ठीक हो रहा है।

चिंता की बात यह है कि दोनों मामलों में किसी की भी इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस स्थानीय स्तर पर फैल रहा हो सकता है, जिससे सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

HMPV वायरस के लक्षण: क्या हैं पहचान के तरीके?

HMPV वायरस के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों और बुजुर्गों में यह गंभीर हो सकता है।

सामान्य लक्षण:

खांसी

नाक बहना

गले में खराश

गले में घरघराहट

गंभीर लक्षण:

सांस लेने में दिक्कत

फ्लू जैसी स्थिति

ऑक्सीजन की कमी

इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

दिल्ली में बढ़ी सतर्कता, अस्पतालों को जारी की गई गाइडलाइंस

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सेवाओं की डायरेक्टर जनरल, डॉ. वंदना बग्गा ने हाल ही में मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अस्पतालों को निम्न निर्देश दिए हैं:

1. IHIP पोर्टल पर रिपोर्टिंग:
इन्फ्लूएंजा जैसे मामलों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।

2. सख्त आइसोलेशन प्रोटोकॉल:
संदिग्ध मामलों को अलग करने के उपाय अपनाएं।

3. जरूरी दवाओं की उपलब्धता:
पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स, और कफ सिरप की पर्याप्त स्टॉक रखें।

4. SARI और इन्फ्लूएंजा के दस्तावेज:
गंभीर सांस संबंधी बीमारियों और लैब-कन्फर्म मामलों का रिकॉर्ड बनाए रखें।

क्या HMPV वायरस नया है?

CDC (यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मुताबिक, HMPV वायरस नया नहीं है। इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके सेरोलॉजिक प्रमाण बताते हैं कि यह 1958 से मौजूद है। हालांकि, अब यह वायरस तेजी से फैल रहा है, जो इसे खतरे का कारण बना रहा है।

HMPV से बचाव के लिए क्या करें?

1. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

2. भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।

3. हाथ धोने की आदत अपनाएं।

4. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें।

5. लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

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