प्रयागराज। कड़ाके की ठंड के बावजूद महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं का जोश और आस्था में कोई कमी नहीं दिख रही है। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं ने पूरे विश्वास के साथ डुबकी लगाई, और इस धार्मिक यात्रा ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। 11 जनवरी से 16 जनवरी तक, महज छह दिनों में 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। गुरुवार को अकेले 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य का लाभ प्राप्त किया। योगी सरकार के अनुमानों के मुताबिक इस बार महाकुंभ में कुल 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच सकते हैं, और शुरुआत में ही 7 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या इस विशाल संख्या का संकेत दे रही है
सर्दी के बावजूद श्रद्धालुओं का अपार उत्साह
प्रयागराज में जब ठंड अपने चरम पर है, तब भी श्रद्धालुओं का उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। गुरुवार को, शाम 6 बजे तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। इनमें 10 लाख कल्पवासी और अन्य श्रद्धालु शामिल थे, जिनमें साधु-संत प्रमुख रूप से थे।
महाकुंभ के पहले दिनों में रिकॉर्ड टूटे
महाकुंभ के पहले दो दिनों में ही 5.20 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। 11 जनवरी को 45 लाख और 12 जनवरी को 65 लाख लोगों ने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाई। महाकुंभ के पहले दिन, पौष पूर्णिमा के अवसर पर 1.70 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन 3.50 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। 15 जनवरी को 40 लाख और 16 जनवरी को शाम 6 बजे तक 30 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इस प्रकार, महाकुंभ के पहले छह दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या 7 करोड़ को पार कर चुकी है, जो इस आयोजन की भव्यता और विशालता को दर्शाता है।
विविध संस्कृतियों का संगम
महाकुंभ केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी यह एक अद्वितीय आयोजन है। यहां देश-विदेश के श्रद्धालु अपने-अपने रीति-रिवाजों के साथ संगम में स्नान करने आ रहे हैं। इस दौरान देश की विविध संस्कृतियों की झलक महाकुंभ क्षेत्र में देखने को मिल रही है। संगम पर श्रद्धालुओं का यह अपार उत्साह यह प्रमाणित करता है कि महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जो भारतीय धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।