Saraswati Puja 2025,:हिंदू धर्म में माघ मास को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें बसंत पंचमी का विशेष स्थान है। खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में इस दिन मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से की जाती है। लेकिन इस बार बसंत पंचमी की तारीख को लेकर भ्रम बना हुआ था—कुछ लोग इसे 2 फरवरी, तो कुछ 3 फरवरी को मनाने की बात कर रहे थे। अब ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि सरस्वती पूजा 3 फरवरी 2025 (सोमवार) को ही मनाई जाएगी।
3 फरवरी को ही होगी सरस्वती पूजा – जानिए वजह
पटना के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मुक्ति कुमार झा के अनुसार, पंचांग के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि बसंत पंचमी 3 फरवरी को ही मनाई जाएगी।
धर्मशास्त्रों के अनुसार, सरस्वती पूजा पंचमी तिथि के सूर्योदय के समय की जाती है। इस बार सूर्योदय के समय 3 फरवरी को पंचमी तिथि विद्यमान रहेगी, इसलिए इसी दिन बसंत पंचमी मनाना श्रेष्ठ रहेगा।
सरस्वती पूजा का धार्मिक महत्व
बसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती को समर्पित है, जो विद्या, संगीत, कला और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। इस दिन शिक्षण संस्थानों, स्कूलों, कॉलेजों और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। बिहार और बंगाल में इसे सरस्वती पूजा के रूप में मनाने की परंपरा है।
बसंत पंचमी पर क्या करें?
पीले रंग के वस्त्र पहनें
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले रंग के खाद्य पदार्थ (जैसे हल्दी युक्त भोजन, केसर युक्त खीर, बेसन से बनी मिठाइयां) का सेवन शुभ माना जाता है।
मां सरस्वती की पूजा विधि
1. सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
2. मां सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
3. पीले फूल, हल्दी, अक्षत और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
4. वीणा, पुस्तकों और लेखनी की पूजा करें।
5. सरस्वती वंदना का पाठ करें और भोग अर्पित करें।