बजट 2025-26: सस्ते मकानों की खरीदारी पर खास ध्यान
PM housing affordable:सस्ते मकानों की बिक्री में लगातार कमी के चलते सरकार इस बार के बजट में बड़े कदम उठा सकती है। उम्मीद की जा रही है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार सस्ते मकान की परिभाषा में बदलाव कर सकती है।
फिलहाल, 35 लाख रुपये तक के मकानों को सस्ता माना जाता है और इस पर होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी मिलती है। बजट 2025-26 में इस सीमा को बढ़ाकर 50 लाख रुपये तक किया जा सकता है। इससे न सिर्फ सस्ते मकानों की बिक्री में इजाफा होगा बल्कि रियल एस्टेट और निर्माण सेक्टर को भी बड़ी राहत मिलेगी।
होम लोन पर टैक्स सब्सिडी बढ़ने की उम्मीद
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय से होम लोन पर ब्याज दर की टैक्स सब्सिडी की सीमा दो लाख रुपये पर अटकी हुई है। इस बजट में सरकार इसे बढ़ाकर अधिकतम 3 लाख रुपये तक कर सकती है।
इससे मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी और वे अपने घर खरीदने के सपने को साकार कर पाएंगे।
निर्माण सेक्टर को मिलेगी रफ्तार
निर्माण सेक्टर में रोजगार की संभावनाएं
निर्माण सेक्टर भारत के सर्विस सेक्टर में सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। हालांकि, हाल के आंकड़े बताते हैं कि इस सेक्टर की विकास दर में गिरावट हो रही है।
2024-25 की दूसरी तिमाही: 7.7% की वृद्धि
पहली तिमाही: 10.5% की वृद्धि
2023-24 की अंतिम तिमाही: 13.6% की वृद्धि
सरकार निर्माण सेक्टर को फिर से गति देने के लिए सस्ते मकानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर निवेश बढ़ा सकती है।
पीएम किसान योजना में बढ़ सकती है राशि
किसानों के लिए राहत भरी खबर हो सकती है। पीएम किसान योजना के तहत फिलहाल पंजीकृत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस राशि को 1,000 रुपये बढ़ाकर 7,000 रुपये किया जा सकता है। इससे लगभग 11 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
कृषि क्षेत्र पर निर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की खपत बढ़ाने के लिए पीएम किसान योजना की राशि में इजाफा जरूरी है। जानकारों का मानना है कि इस कदम से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि बाजार में खपत भी तेज होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।