

जमशेदपुर, 30 अप्रैल 2025 (बुधवार):
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बागबेड़ा में आज दादा-दादी / नाना-नानी सम्मान समारोह का भावनात्मक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, सचिव एवं क्षेत्र की लोकप्रिय पार्षद डॉ. कविता परमार, कोषाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता, अभिभावक प्रतिनिधि बिपिन तिवारी तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य रंजय कुमार राय ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती, ॐ और भारत माता के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पार्चन कर किया।
संस्कारों के संवाहक हैं घर के बुजुर्ग
प्रधानाचार्य रंजय कुमार राय ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा व संस्कार के निर्माण में दादा-दादी और नाना-नानी की अहम भूमिका होती है। आज की व्यस्त जीवनशैली में जब माता-पिता कार्यरत रहते हैं, तब घर के बुजुर्ग बच्चों को मार्गदर्शन, प्यार और नैतिक मूल्यों से जोड़ते हैं।
डॉ. कविता परमार ने कहा कि हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने परिवार के बुजुर्गों को पूर्ण सम्मान देंगे और उन्हें किसी प्रकार की उपेक्षा नहीं सहनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को मोबाइल की व्यस्तता से बाहर निकलकर योग, ध्यान और टहलने जैसे कार्यों के माध्यम से स्वस्थ जीवन जीना चाहिए और परिवार को संस्कारवान बनाना चाहिए।
बच्चों ने जताया प्यार और श्रद्धा
कार्यक्रम में बच्चों ने अपने दादा-दादी और नाना-नानी के चरण पखारकर, तिलक व आरती कर पुष्प अर्पित किए और उन्हें सम्मानित किया। इस हृदयस्पर्शी क्षण ने माहौल को भावविभोर कर दिया। इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें गीत, नृत्य और नाट्य मंचन शामिल था।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ आचार्य सुधाकर गिरी ने किया। समारोह में विद्यालय के समस्त आचार्य, दीदी, भैया-बहन और बड़ी संख्या में आमंत्रित दादा-दादी व नाना-नानी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के उच्चारण के साथ किया गया।
