प्रेस कॉन्फ्रेंस में बागबेड़ा के भ्रष्टाचार का खुलासा
Jamshedpur: आज बागबेड़ा मंडल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजनारायण यादव ने बागबेड़ा यादव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वर्षों से चल रहे जल संकट और इसके पीछे छिपे भ्रष्टाचार की परतें खोल दीं। उन्होंने बताया कि कैसे सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई के बाद अब बदलाव की बयार बह रही है।
काई साल के जल संकट के बाद उम्मीद की किरण
बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी, जहां 1140 क्वार्टर में हजारों लोग रहते हैं, पिछले 15 वर्षों से जल संकट की मार झेल रही थी। गर्मियों में हालात और भी बदतर हो जाते थे। लेकिन अब जलापूर्ति योजना में नया मोड़ आया है, और नियमित जल आपूर्ति की संभावना बनी है।
यह सब मुमकिन हुआ है कांग्रेस नेता राजनारायण यादव की जिद, संघर्ष और सत्य के लिए अडिग खड़े रहने के कारण।
प्रशासनिक सुस्ती और भ्रष्टाचार की कहानी
जल आपूर्ति योजना की फाइलें वर्षों तक टेबल दर टेबल घूमती रहीं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ। स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता ने जनता को पीने के पानी के लिए तरसने पर मजबूर कर दिया। वहीं कुछ जनप्रतिनिधि और अधिकारी ‘टेबल-टेबल खेल’ में लगे रहे।
अवैध जल कनेक्शनों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, आदित्यपुर के कार्यपालक अभियंता सुमित कुमार ने अब मोर्चा संभालते हुए तीन अहम आदेश जारी किए हैं:
1. अवैध कनेक्शन की पहचान और FIR
करीब 500 अवैध कनेक्शन, जिन्हें पूर्व मुखिया राजकुमार गौड़ ने बिना अनुमति और दस्तावेज़ के दे दिया था, अब चिन्हित कर काटे जाएंगे। साथ ही दोषियों पर FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
2. पूर्व स्वीकृति के बिना कनेक्शन नहीं
अब कोई भी नया जल कनेक्शन सहायक और कनीय अभियंता की स्वीकृति के बिना वैध नहीं माना जाएगा।
3. खर्च से पहले लेना होगा विभागीय अनुमोदन
ग्राम जल स्वच्छता समिति अब कोई भी व्यय तभी करेगी जब उसे जुगसलाई प्रमंडल से लिखित अनुमोदन मिले।
‘मुखिया मॉडल’ का पर्दाफाश: पाइपों में छेद कर की गई जल चोरी
सैकड़ों अवैध जल कनेक्शन पाइपों में छेद कर दिए गए थे। न कोई सिक्योरिटी मनी, न अनुमोदन। ये ‘मुखिया मॉडल’ भ्रष्टाचार की एक भयावह तस्वीर बन गया था, जिसने हजारों वैध निवासियों को जल से वंचित कर दिया।
संघर्ष की मिसाल बने राजनारायण यादव
राजनारायण यादव ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ न सिर्फ आवाज उठाई, बल्कि हर स्तर पर लड़ाई लड़ी। उन्होंने डीसी, डीडीसी, और विभागीय अधिकारियों से मिलकर लगातार पत्राचार किया। धमकियों के बावजूद वे अडिग रहे। उनका कहना है –
“चाहे जेल जाना पड़े, लेकिन बागबेड़ा की जनता को न्याय दिलाकर ही रहूंगा।”
जैसे फिल्म में आता है नायक, वैसे आया बदलाव
जब अंधेरा गहराता है, तभी उजाला आता है। यही हुआ जब राजनारायण यादव ने भ्रष्टाचार के अंधेरे में उम्मीद की रोशनी दी। अब विभाग ने मान लिया है कि पाइप जलापूर्ति योजना का संचालन आदित्यपुर प्रमंडल द्वारा होगा, और हर घर तक पानी पहुंचाना प्राथमिकता बनेगी।
पारदर्शिता की ओर पहला कदम
अब हर वैध उपभोक्ता को:
₹1050 सिक्योरिटी मनी वैध दस्तावेज़
रजिस्टर्ड प्लंबर द्वारा कनेक्शन
₹100 मासिक शुल्क जल सहिया को
देना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में पहला ठोस कदम है।
भविष्य की राह: निगरानी और जवाबदेही जरूरी
अब ज़रूरत है कि पेयजल विभाग इस योजना की सख्त निगरानी करे और हर शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई करे। साथ ही, जो भी अधिकारी और प्रतिनिधि इस भ्रष्टाचार में शामिल थे, उन पर भी कठोर कार्रवाई की जाए।
जनता में जागी नई उम्मीद
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद ओम प्रकाश (मंडल उपाध्यक्ष) ने कहा कि
“बागबेड़ा के लोगों की आंखों में अब उम्मीद की चमक है। यह सिर्फ एक जल योजना नहीं, बल्कि ईमानदारी की जीत है।”
: अब हर बूंद बनेगी अधिकार, नहीं रहेगी विशेषाधिकार
जल ही जीवन है, और अब यह जीवन केवल खास लोगों का नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार बन चुका है। बागबेड़ा की यह लड़ाई सिर्फ पानी के लिए नहीं, बल्कि एक नई व्यवस्था, न्याय और पारदर्शिता की शुरुआत है।
साथ में मौजूद मंडल के महासचिव रवि भूषण , नकुल उपाध्याय


कार्यालय आदेश जारी