

जमशेदपुर, मानगो।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा जाति पूछकर की गई पर्यटकों की निर्मम हत्या ने देशभर को झकझोर कर रख दिया है। इस नृशंस हत्या के विरोध में सोमवार शाम अखिल भारतीय बुद्धिजीवी मंच की ओर से मानगो डिमना रोड में कैंडल मार्च निकाला गया। मंच के मुख्य कार्यालय पी बिल्डिंग से प्रारंभ हुआ यह मौन जुलूस डिमना चौक पर जाकर समाप्त हुआ।
सैकड़ों की संख्या में जुटे समाजसेवी और नागरिक
कैंडल मार्च में सैकड़ों की संख्या में बुद्धिजीवी, समाजसेवी और आम नागरिक शामिल हुए। सभी के हाथों में आतंकवाद के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां थीं और चेहरे पर आक्रोश के भाव। लोगों ने कहा कि जाति पूछकर हत्या करना सिर्फ आतंक नहीं, बल्कि सुनियोजित सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की साजिश है।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से कड़ी कार्रवाई की मांग
मार्च के दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से देश की अखंडता पर हमला होता है और आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
दोपहर के बाद मौन श्रद्धांजलि
डिमना चौक पर कैंडल मार्च का समापन दो मिनट के मौन और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पण के साथ हुआ। उपस्थित लोगों ने आतंकवाद के शिकार हुए सभी निर्दोष नागरिकों को नमन करते हुए कहा कि देश की एकता और अखंडता को टूटने नहीं देंगे।
मार्च का नेतृत्व इन प्रमुखों ने किया
इस कैंडल मार्च का नेतृत्व बुद्धिजीवी मंच के मुख्य संरक्षक रामजी राय, संरक्षक कमलकांत झा एवं अध्यक्ष जीवछ झा ने किया। उनके साथ उमेश चंद्र सिंह, धनंजय शुक्ला, भीम प्रसाद शर्मा, ललेश पाठक, नवीन कुमार, राधारमण अग्रवाल, कृष्णा शर्मा, शिवप्रकाश शर्मा, राजेश कुमार मिश्रा, पंडित विपिन झा, सोमनाथ मिश्र सहित कई अन्य समाजसेवी भी उपस्थित रहे।
समाज का संदेश: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो देश
इस आयोजन ने स्पष्ट संदेश दिया कि देश की जनता आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और अब सहनशीलता की सीमा पार हो चुकी है। बुद्धिजीवी मंच ने चेताया कि यदि सरकार ने अब भी सख्त कदम नहीं उठाए, तो यह चुप्पी समाज को और क्षत-विक्षत करेगी।