टाटा वर्कर्स यूनियन की कमिटी मीटिंग में अप्रेजल सिस्टम का हुआ जोरदार विरोध

जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन की एक महत्वपूर्ण समिति बैठक माइकल जॉन ऑडिटोरियम में संपन्न हुई। बैठक की शुरुआत पहलगाम हमले के शहीदों तथा पिछले महीने दिवंगत टाटा स्टील कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हुई। उपस्थित सभी सदस्यों ने दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा।

बैठक का संचालन सुबह 9:30 बजे से प्रारंभ हुआ और बिना किसी अवकाश के शाम 4:30 बजे तक चलता रहा। बैठक में वेतन पुनरीक्षण (Wage Revision), परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम (PMS) से जुड़ी अफवाहों, एलटीसी (LTC) सुविधा तथा चार्जशीट मामलों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई। लगभग सभी कमेटी मेंबर्स (UCMs) ने अपने तीखे और स्पष्ट विचार रखे।

बैठक के दौरान अप्रेजल सिस्टम को लेकर भारी विरोध देखने को मिला। यूनियन सदस्यों ने कहा कि यह सिस्टम कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध है और इसके खिलाफ यूनियन को मजबूती से लड़ना चाहिए।

समझौता पत्र (Agreement Paper) वितरण के मुद्दे पर वर्तमान यूसीएम अरविंद पांडेय और अध्यक्ष श्री टुन्नु चौधरी के बीच तीखी बहस हुई। इस मुद्दे पर अध्यक्ष, महासचिव तथा डिप्टी प्रेसिडेंट से भी सवाल-जवाब हुए। जब अधिकांश पदाधिकारियों (शीर्ष तीन को छोड़कर) ने अरविंद पांडेय के पक्ष का समर्थन किया, तो राजनीतिक हवा स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में जाती दिखी।

बैठक के दौरान अध्यक्ष समर्थकों और अरविंद समर्थकों के बीच कई बार गरमागरम बहस हुई। जब अरविंद पांडेय सवाल उठा रहे थे, तो कुछ यूसीएम्स ने उन्हें यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि “अपने कार्यकाल में आपने क्या किया?” इस पर अध्यक्ष श्री टुन्नु चौधरी ने भी पलटवार किया कि “आपके कार्यकाल में किए गए अंतिम वेतन समझौते की साइन की हुई प्रति अब तक वितरित नहीं हुई।

मुख्य घटनाक्रम:

बैठक के दौरान अप्रेजल सिस्टम को लेकर भारी विरोध देखने को मिला। यूनियन सदस्यों ने कहा कि यह सिस्टम कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध है और इसके खिलाफ यूनियन को मजबूती से लड़ना चाहिए।

समझौता पत्र (Agreement Paper) वितरण के मुद्दे पर वर्तमान यूसीएम अरविंद पांडेय और अध्यक्ष श्री टुन्नु चौधरी के बीच तीखी बहस हुई। इस मुद्दे पर अध्यक्ष, महासचिव तथा डिप्टी प्रेसिडेंट से भी सवाल-जवाब हुए। जब अधिकांश पदाधिकारियों (शीर्ष तीन को छोड़कर) ने अरविंद पांडेय के पक्ष का समर्थन किया, तो राजनीतिक हवा स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में जाती दिखी।

बैठक के दौरान अध्यक्ष समर्थकों और अरविंद समर्थकों के बीच कई बार गरमागरम बहस हुई। जब अरविंद पांडेय सवाल उठा रहे थे, तो कुछ यूसीएम्स ने उन्हें यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि “अपने कार्यकाल में आपने क्या किया?” इस पर अध्यक्ष श्री टुन्नु चौधरी ने भी पलटवार किया कि “आपके कार्यकाल में किए गए अंतिम वेतन समझौते की साइन की हुई प्रति अब तक वितरित नहीं हुई।”

कुछ रोचक पहलू भी रहे:

अध्यक्ष श्री टुन्नु चौधरी ने नितेश राज के कैंटीन कमिटी के कार्यों की खुलकर सराहना की, जो पहले उनके विरोधी माने जाते थे।

महामंत्री श्री सतीश सिंह ने भी कोषाध्यक्ष अमोद दुबे की प्रशंसा की, जबकि अमोद दुबे ने सतीश सिंह के करीबी प्रत्याशी संतोष सिंह को हराकर यह पद जीता था।

राजनीतिक समीकरणों में बदलाव उस समय और भी साफ दिखा जब अध्यक्ष के करीबी अजय और संजय ने भी अरविंद पांडेय के तर्कों का समर्थन किया।

अध्यक्ष और महामंत्री ने अपने संबोधन में एक सुर में बात करते हुए संगठन की एकता पर बल दिया।

बैठक के दौरान उपाध्यक्ष संजय सिंह से इस्तीफे की मांग भी उठी। संजय सिंह खेल शुल्क की वृद्धि के पर जवाब दे रहे थे तब उनहीं के विभाग के एक यूसीएम द्वारा छुपकर वीडियो बनाते देखे जाने पर अध्यक्ष ने तत्काल उसे रोका। संजय सिंह ने उक्त सदस्य को सामने आकर वीडियो बनाने की चुनौती दी।
यूनियन के खातों के अनुमोदन के समय वरिष्ठ यूसीएम ओम प्रकाश शर्मा ने यूनियन की वित्तीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यूनियन में नई भर्तियों के कारण व्यय तेजी से बढ़ रहा है, जबकि आय सीमित है। उन्होंने स्वस्थ बैलेंस शीट बनाए रखने के लिए खर्चों में कटौती करने का सुझाव दिया, जिससे संगठन का दीर्घकालिक भविष्य सुरक्षित रहे।

बैठक लगभग 7:30 घंटे बिना किसी विराम के चली, जिनमें अनेक UCM ने अपनी राय रखी जैसे, रवि शंकर उपाध्याय, डी भानु जी, राकेश सिंह, नीलेश सिंह, राजेश सिंह, रूपेश पांडेय, सर्वेंद्र झा, दीप सिंह, आर सी झा, विकास दास, संतोष पांडेय निरंजन, ब्रजेश पटेल, बसंत बाग आदि आदि

अंत में यूनियन अध्यक्ष श्री टुन्नु चौधरी ने सभी पदाधिकारियों और यूसीएम्स से संगठन की एकता बनाए रखने और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा हेतु निरंतर संघर्ष करने की अपील की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि ग्रेड रिवीजन और एलटीसी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर वार्ता शीघ्र ही प्रारंभ होगी।

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