पूर्वी सिंहभूम में नोडल पदाधिकारियों द्वारा पंचायतों और वार्डों का सघन निरीक्षण, योजनाओं के क्रियान्वयन और सेवाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान

[the_ad id="14382"]

जमशेदपुर : उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार पूर्वी सिंहभूम जिले में सरकारी योजनाओं की प्रगति और नागरिकों को मिल रही सेवाओं की वास्तविक स्थिति की जांच के लिए प्रत्येक शनिवार को सभी प्रखंडों और नगर निकायों में नियुक्त नोडल पदाधिकारियों द्वारा व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य योजनाओं के धरातलीय क्रियान्वयन की समीक्षा करना और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाना है।

नोडल पदाधिकारियों ने किया विस्तृत दौरा

आज के निरीक्षण के दौरान नोडल पदाधिकारियों ने विभिन्न पंचायतों और नगर क्षेत्रों का दौरा कर आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, जन वितरण प्रणाली दुकान, मनरेगा कार्यस्थलों तथा पंचायत भवनों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता का जायजा लिया तथा यह भी सुनिश्चित किया कि आम नागरिकों तक ये सेवाएं सुगमता से पहुंच रही हों।

परियोजना निदेशक, आईटीडीए श्री दीपांकर चौधरी ने घाटशिला के धरमबहाल, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने बोड़ाम के मुकरूडीह, अपर उपायुक्त श्री भगीरथ प्रसाद ने पटमदा का महुलबना, निदेशक एनईपी ने गुड़ाबांदा के भालकी पंचायत, डीसीएलआर (घाटशिला) ने बहरागोड़ा के पाटपुर, एसओआर ने धालभूमगढ़ के चुकरीपाड़ा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने डुमरिया का कुमड़ाशोल, डीसीएलआर (धालभूम) ने पोटका के कुलडीहा पंचायत, जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने जमशेदपुर अक्षेस, जिला परिवहन पदाधिकारी ने जुगसलाई नगर परिषद, एवं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने मानगो नगर निगम के वार्डों का निरीक्षण किया।

उपायुक्त ने दिया स्पष्ट संदेश

उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि यह निरीक्षण अभियान न केवल सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को परखने का माध्यम है, बल्कि ज़मीनी स्तर पर आ रही समस्याओं की पहचान कर त्वरित सुधार सुनिश्चित करने का भी महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराया जाए, विद्यालयों में पठन-पाठन का समुचित व्यवस्था हो, स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवाइयां और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध रहें, तथा जन वितरण प्रणाली की दुकानों पर समय से और सही मात्रा में खाद्यान्न वितरण हो।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि सरकार की सभी सेवाएं हर नागरिक तक पहुंचें और किसी भी प्रकार की लापरवाही को रोकने के लिए निरंतर निरीक्षण और अनुश्रवण किया जाएगा। नोडल पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने निरीक्षण के निष्कर्षों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्यवाही करें और समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दें।

प्रशासन और जनता के बीच विश्वास मजबूत

यह सतत निरीक्षण न केवल प्रशासन की जवाबदेही को बढ़ावा देता है, बल्कि जनता का प्रशासन पर विश्वास भी मजबूत करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि योजनाएं केवल कागजों में ही न रहें, बल्कि उनका असर हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जिन्हें इन सेवाओं की जरूरत है।

[the_ad id="14386"]
[the_ad_group id="251"]