साहिबगंज: जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत धोबी झरना स्थित मूक बधिर विद्यालय के कक्षा 3 में पढने वाली किशोरी छात्रा जिया मालतो पिता देवा मालतो का अचानक रविवार दोपहर 2 बजे तबियत बिगड़ने पर उसे विद्यालय की सिस्टर अंकिता लकड़ा, अंबिका लुगुन एवं एक अन्य सिस्टर की मदद से बेहतर इलाज हेतु निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां चिकित्सक के मौजूद नहीं रहने पर वहां से उसे बेहतर इलाज हेतु सदर अस्पताल लाया गया। जहां सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. कुलदीप कुमार गुप्ता ने जांच पड़ताल के बाद मृत घोषित कर दिया। उधर इस घटना के बाद मूक बधिर विद्यालय की सिस्टर ने किशोरी छात्रा के परिजनों को उसके तबियत ज्यादा बिगड़ने की जानकारी दी थी जिसके बाद परिजन देर शाम तक आनन फानन में विद्यालय पहुंचे। वही विद्यालय पहुंचने के बाद जब परिजनों ने देखा तो पाया कि उसकी बेटी की मौत हो गई है जहां परिजनों ने इस मामले में स्थानीय थाना क्षेत्र की पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस की टीम ने मृतक किशोरी छात्रा के शव को अपने कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल भेज दिया था। उधर सोमवार को मृतक किशोरी छात्रा के पिता एवं अन्य परिजनों ने सदर अस्पताल में बताया कि मूक बधिर विद्यालय की सिस्टर ने मृतक किशोरी छात्रा की उम्र और उसके घर का पता सदर अस्पताल में गलत लिखा दिया है जबकि उसकी बेटी पिछले दो सालों से यही रहकर पढ़ाई कर रही थी। आगे उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी की तबीयत दो दिन पहले ही खराब हुई थी तो परिजनों को किन कारणों से विद्यालय प्रबंधन ने इसकी जानकारी देनी उचित क्यों नहीं समझी। वही जब रविवार को भी उसकी बेटी की मौत सदर अस्पताल लाने के दौरान ही रास्ते में हो गई थी तो फिर उनसे विद्यालय की सिस्टर ने झूठ क्यों बोला यह अपने अपने एक बहुत बड़ा सवाल है। उधर सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के द्वारा मृतक किशोरी छात्रा के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है जहां परिजन शव को अपने घर गोड्डा जिले के बड़ा केरलो थाना नम्बर 80 राजभीठा एंबुलेंस से लेकर चले गए हैं। वही मृतक किशोरी छात्रा के पिता ने विद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका घर जब गोड्डा जिले में पड़ता है तो फिर क्यों विद्यालय की सिस्टर ने पाकुड़ जिले के जियापानी गांव क्यों लिखवाया। वही मृतक किशोरी छात्रा की उम्र से भी छेड़छाड़ किया गया है जहां उसकी बेटी का उम्र आधार कार्ड के अनुसार 9 वर्ष होने वाली है जबकि सदर अस्पताल में 12 वर्ष लिखाया गया है जो कहीं न कहीं विद्यालय प्रबंधन के बड़ी गलती की ओर इशारा कर रहा है। जहां परिजनों ने स्थानीय थाना क्षेत्र की पुलिस से अपने बेटी की संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई मौत की असली कारणों का पता लगाते हुए इसमें शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़े से कड़े कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। उधर मामले को लेकर जिरवाबाड़ी थाना प्रभारी शशि सिंह ने बताया कि मृतक किशोरी छात्रा के मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कुछ कहा जा सकता है फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।
