पंचायत समस्याओं पर ग्रामीणों की बैठक, मंत्री दीपक बिरुवा के घर घेराव की चेतावनी

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चाईबासा, 24 सितंबर :
सदर विधानसभा क्षेत्र के पांडबीर पंचायत अंतर्गत हेसाबांध गांव में सोमवार को पंचायत की ज्वलंत समस्याओं को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता वार्ड सदस्य समीर सेन सुरिन ने की, जिसमें ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही और पंचायत स्तर पर व्याप्त अव्यवस्था पर गहरी नाराज़गी जताई।

बैठक में सबसे पहले सोनाराम गोप ने मजदूरी भुगतान को लेकर अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने बताया कि पंचायत के तहत आम का पौधारोपण कराया गया। गड्ढा खुदवाने से लेकर पौधों की घेराबंदी तक का काम ग्रामीणों से करवाया गया, लेकिन मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। उनका कहना था कि प्रखंड कार्यालय से राशि जारी नहीं होने का हवाला देकर भुगतान रोक दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र ही मजदूरी नहीं दी गई, तो मजबूरन ग्रामीण आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

इसके बाद माटा तमसोय ने अंजेडबेड़ा स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र की दुर्दशा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि खराब सड़कों के कारण डॉक्टर और नर्स नियमित रूप से उपकेंद्र नहीं पहुंच पाते, जिससे ग्रामीणों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस पर उन्होंने आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया।बैठक में उपस्थित अधिवक्ता महेंद्र जामुदा ने बताया कि ग्रामीण समस्याओं के समाधान के लिए उपायुक्त को एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने तुरंत पहल नहीं की, तो मजबूरन ग्रामीण मंत्री दीपक बिरुवा के घर का घेराव करेंगे।

इस दौरान मानकी तुबिड ने जानकारी दी कि 25 सितंबर को पांडबीर पंचायत भवन में एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें ग्रामीणों को मोबाइल के जरिए राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन, विकलांग पेंशन और इंदिरा आवास की सूची देखने की प्रक्रिया सिखाई जाएगी।वहीं समाजसेवी रमेश बालमुचू ने पंचायत में मुंडा की नियुक्ति नहीं होने पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस कारण ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी मानकी के पास जाना पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।

बैठक में मुख्य रूप से तुलसीनाथ सुरिन, रेंगो पुरती, योगेन्द्र सुरिन, लाखिन्द्र सवैया, मनकी तमसोय, सिंगराय गगराई, लुकना गोप समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि यदि प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता है, तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।