Ranchi : हिंदपीढ़ी माली टोला की तीसरी गली में आदिवासी खतियानी भूमि पर कथित अवैध कब्जे के मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा रविवार को स्थल निरीक्षण के लिए पहुंचीं। उन्होंने संबंधित भूमि का मुआयना करते हुए हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी, कोतवाली डीएसपी और पीड़ित परिवार से पूरे मामले की जानकारी ली।

निरीक्षण के दौरान डॉ. लकड़ा को बताया गया कि मुन्नी कच्छप के भतीजे अजय कच्छप अपने हिस्से की ज़मीन पर निर्माण कार्य करवा रहे थे, जिसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ स्थानीय लोग सहायता कर रहे थे। मुन्नी कच्छप को संदेह हुआ कि ज़मीन पर विशेष समुदाय के भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा किया जा सकता है।

डॉ. लकड़ा ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अजय कच्छप के हिस्से की ज़मीन पर किसी भी प्रकार का कब्जा न होने दिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि ज़मीन न तो किसी गैर-आदिवासी और न ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को बेची जाए। साथ ही कोतवाली डीएसपी को निर्देश दिया गया कि मुन्नी और अजय कच्छप के बीच एक लिखित समझौता करवा कर हस्ताक्षर कराएं ताकि भविष्य में विवाद की कोई संभावना न रहे।

क्या है मामला?
मुन्नी कच्छप ने एनसीएसटी सदस्य को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पुलिस संरक्षण में मुस्लिम भू-माफियाओं को उनकी खतियानी ज़मीन (प्लॉट संख्या 1596, रकबा 0.853 एकड़) पर कब्जा दिलवाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस किसी नोटिस या दस्तावेज के बिना दबाव बनाकर भूमि पर अतिक्रमण करवा रही है और उनके भतीजे अजय कच्छप को शराब का सेवन करवा कर इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।

पत्र में यह भी आरोप था कि निर्माण कार्य के दौरान भू-माफिया अवैध हथियारों से लैस होकर निगरानी करते हैं और पुलिस उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल हिंदपीढ़ी क्षेत्र में आदिवासी समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है।