Ranchi : नामकुम प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों में बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हुवांगहातु जंगल में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि के बाद अब लाली कुदागड़ा जंगल में भी उसके हमले सामने आए हैं। रविवार को तीन मवेशी के शव मिलने से इलाके में एक बार फिर दहशत फैल गई है।
ग्रामीणों के अनुसार, तीनों मवेशियों की गर्दन और शरीर पर गहरे पंजों के निशान पाए गए हैं, जिससे बाघ के हमले की पुष्टि मानी जा रही है। घटना स्थल, हुवांगहातु से लगभग 10 किलोमीटर दूर है, जिससे साफ है कि बाघ अब इलाके में घूम रहा है।
लगातार बढ़ रहा है डर
पिछले दो महीने से हुवांगहातु और आसपास के गांवों में बाघ के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वन विभाग और पुलिस-प्रशासन ने कई बार जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अब तक बाघ पकड़ से बाहर है। ग्रामीणों का कहना है कि हमलावर बाघ एक नहीं, बल्कि दो हो सकते हैं, तभी इतने मवेशियों पर हमले हो रहे हैं।
ग्रामीणों में भय का माहौल
बाघ की दहशत से ग्रामीण अब सूरज ढलते ही घरों में कैद हो जाते हैं। बच्चों को अकेले बाहर भेजना बंद कर दिया गया है। कई परिवारों ने तो बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है।
वन विभाग पर उठे सवाल
लगातार हो रहे हमलों के बावजूद वन विभाग की कार्रवाई अब तक निष्प्रभावी रही है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि इलाके में बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं और गश्ती दल तैनात किया जाए।