Jamshedpur : टाटा पावर का जोजोबेरा थर्मल पावर प्लांट जमशेदपुर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। कंपनी की क्लब एनर्जी-STEM पहल (STEM: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के माध्यम से अब तक 20 स्कूलों के 4,000 से अधिक छात्र इस अभिनव कार्यक्रम से लाभान्वित हो चुके हैं।
एक समय में केवल एक स्कूल और कुछ छात्रों से शुरू हुई यह पहल अब गांवों की सीमाएं पार कर युवा प्रतिभाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया से जोड़ रही है। स्कूलों में अब स्टेम लैब की स्थापना की गई है जहां समर्पित शिक्षक छात्रों को ऊर्जा संरक्षण, वहनीयता, रोबोटिक्स जैसे विषयों में न केवल सैद्धांतिक बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
प्रयोगात्मक शिक्षा का मॉडल: देखो, सोचो और बनाओ
कार्यक्रम का मुख्य फोकस छात्रों को अवधारणाओं को सिर्फ पढ़ाने का नहीं, बल्कि उन्हें अनुभव कराने का है। छात्र अपने विचारों को रूप देते हैं, उपकरण बनाते हैं और यह समझते हैं कि विज्ञान किस प्रकार वास्तविक दुनिया में काम करता है। जल्द ही कार्यक्रम में जोजोबेरा संयंत्र का दौरा भी शामिल होगा, जिससे छात्र बिजली उत्पादन की प्रक्रियाओं को सीधे देखने और समझने में सक्षम होंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर दिखने लगे हैं परिणाम
हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित एक राष्ट्रीय स्टेम प्रतियोगिता में जोजोबेरा क्षेत्र के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे न केवल स्कूलों बल्कि पूरे समुदाय को गर्व हुआ। यह इस बात का प्रमाण है कि यदि मंच और संसाधन दिए जाएं तो ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी राष्ट्रीय पटल पर चमक सकते हैं।
भविष्य के लिए विस्तार: रोबोटिक्स और हरित ऊर्जा की ओर
टाटा पावर की योजना इस कार्यक्रम को और भी गहराई और विविधता देने की है। आगामी बूट कैंपों में रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा। साथ ही छात्रों को विज्ञान संग्रहालयों, टेक्नोलॉजी पार्कों और हरित ऊर्जा स्थलों का दौरा भी कराया जाएगा, जिससे उनकी जिज्ञासा और समझ को नया आयाम मिले।
‘एनर्जी मित्रों’ का गठन: सामुदायिक जागरूकता की नई पहल
ऊर्जा संरक्षण को समुदाय स्तर तक ले जाने के लिए टाटा पावर के स्वयंसेवकों का एक समूह – ‘एनर्जी मित्र’ – भी तैयार किया जाएगा जो स्कूलों और गांवों में जागरूकता अभियान चलाएगा।
