जमशेदपुर, 07 अगस्त – झारखंड आंदोलन के प्रणेता, आदिवासी अस्मिता के प्रतीक और झारखंड के पिता तुल्य अभिभावक दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन के निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर है। इसी क्रम में सिदगोड़ा शाखा समिति द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।सभा की अध्यक्षता करते हुए सिदगोड़ा शाखा समिति अध्यक्ष विशु कुम्भकार ने कहा, “झारखंड राज्य के निर्माता, प्रेरणास्रोत और संघर्षशील नेतृत्व के प्रतीक आदरणीय दिशोम गुरु बाबा शिबू सोरेन जी को समस्त झारखंडवासियों की ओर से नम आंखों से अंतिम जोहार अर्पित करते हैं। उनका जीवन संघर्ष, सेवा और समाज के वंचित तबके की आवाज बनने के लिए समर्पित था।“
उन्होंने आगे कहा, “बाबा का संघर्ष न केवल झारखंडी अस्मिता की रक्षा के लिए था, बल्कि यह एक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज निर्माण की दिशा में भी था। उनके दिखाए मार्ग, आदर्श और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।”
इस अवसर पर समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों की उपस्थिति ने इस श्रद्धांजलि सभा को एक भावनात्मक रंग दिया। अयोध्या गोप, देवा पाल, इन्द्रो रविदास, किरण कुमार, गोपी क्षेत्रीय, सपन सिंह, राजू राम, तिलों लोहार, संदीप चक्रवर्ती, कृष लोहार, बलराम रविदास, लालू दाससहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सभी ने एक स्वर में कहा कि बाबा शिबू सोरेन की विचारधारा, उनकी राजनीतिक चेतना और आदिवासी समुदाय के लिए उनका संघर्ष हमेशा हमारी स्मृतियों में जीवित रहेगा।सभा का समापन दो मिनट के मौन और “अंतिम जोहार बाबा, आपकी विरासत अमर रहेगी” के भावपूर्ण उद्घोष के साथ किया गया।