सावन के पहले सोमवार को टूइलाडूंगरी में भव्य कलश यात्रा का आयोजन, सैकड़ों महिलाओं ने किया महादेव का जलाभिषेक

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श्री श्री शीतला माता मंदिर महिला समिति के नेतृत्व में निकली धार्मिक शोभायात्रा, भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम

जमशेदपुर, 14 जुलाई 2025:
सावन के पावन पहले सोमवार के अवसर पर श्री श्री शीतला माता मंदिर टूइलाडूंगरी महिला समिति द्वारा एक भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र की सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में कलश सिर पर लेकर शामिल हुईं। यह आयोजन श्रद्धा, आस्था और धार्मिक एकता का अनुपम उदाहरण बना।

गांधी घाट से जल भरकर मंदिर परिसर में भोलेनाथ को अर्पित किया गया जल

सुबह-सुबह महिलाएं टूइलाडूंगरी स्थित मंदिर परिसर में एकत्रित हुईं। सभी ने पीले वस्त्र धारण कर, सिर पर कलश सजाकर पूजा स्थल की ओर कूच किया। गांधी घाट, मानगो पहुँच कर पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा, संकल्प और जल भरने की प्रक्रिया हुई। इसके बाद महिलाएं डीजे की भक्ति धुनों पर नृत्य करती हुई कतारबद्ध रूप में मंदिर परिसर लौटीं, जहां भोलेनाथ को पवित्र जल अर्पित किया गया।

रुद्राभिषेक और सामूहिक भंडारे का आयोजन

कलश यात्रा के उपरांत मंदिर में रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजन का आयोजन किया गया। वैदिक विधि-विधान से शिवलिंग का अभिषेक किया गया और श्रद्धालुओं ने मंत्रों का पाठ करते हुए पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात मंदिर परिसर के सभागार में सभी भक्तों को पंगत में बैठाकर भोग-प्रसाद वितरित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

समर्पण भाव और सामाजिक एकजुटता की मिसाल

इस धार्मिक आयोजन में महिला समिति की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। महिला अध्यक्ष जमुना निषाद ने बताया कि,

“हमारी संस्कृति में सावन का विशेष महत्व है। महिलाएं उपवास रखकर भगवान शंकर को प्रसन्न करती हैं और अपने परिवार व पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।”

मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा,

“आज के वैश्विक युग में धर्म और अध्यात्म के लिए समय निकालना आवश्यक है। शिवजी की उपासना से न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भी संतुलन आता है।”

कलश यात्रा में सजीव भागीदारी

इस आयोजन में अनेक श्रद्धालु और समिति के सदस्य मौजूद थे, जिनमें प्रमुख रूप से:
महामंत्री गिरधारी लाल, परमानंद कौशल, मंजू ठाकुर, नूतन साहू, सोनी साहू, इंद्रा साहू, द्रौपदी साहू, बेला देवी, कमला निषाद, गौरी साहू, पूनम देवी, प्राची निषाद, चित्रा देवी, त्रिवेणी निषाद, कामेश्वर साहू, चंद्रिका निषाद ‘सुकालू’, श्रीनू राव, दिनेश कुमार साहू और सैकड़ों की संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं।