जमशेदपुर।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की झारखंड इकाई के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष जनार्दन कुमार ने संगठन में व्याप्त अनियमितताओं और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि कोल्हान क्षेत्र के पुराने और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि संगठन में जिम्मेदारियों की कोई कमी नहीं है।
“पुराने नेताओं ने कार्यकर्ताओं का किया इस्तेमाल, अवसर नहीं दिया”
जनार्दन कुमार ने बिना नाम लिए पूर्व नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ तथाकथित नेताओं ने अपनी सुविधा और लाभ के लिए कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल किया, लेकिन उन्हें संगठन में आगे बढ़ने का अवसर नहीं दिया। यह न केवल कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है, बल्कि पार्टी के लोकतांत्रिक ढांचे और विचारधारा के साथ भी विश्वासघात है।
जिला अध्यक्ष चयन को लेकर असंवैधानिक गतिविधियों पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि वर्तमान जिला अध्यक्ष का चयन पार्टी की निर्धारित चुनाव प्रक्रिया के तहत हुआ है, लेकिन अब कुछ लोग बिना किसी वैधानिक अधिकार के मनोनयन के आधार पर नए जिला अध्यक्ष की घोषणा कर रहे हैं, जो पूरी तरह से पार्टी संविधान का उल्लंघन है।
> “ऐसे लोगों से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से किसी को ‘मनोनित’ जिला अध्यक्ष घोषित किया, जबकि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं था,” – जनार्दन कुमार
उन्होंने इसे आदिवासी समुदाय के साथ भी छल करार दिया, जिनके नाम का उपयोग कर केवल दिखावटी प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व की उपेक्षा, अनुशासन पर सीधा प्रहार
जनार्दन कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशों के बाद भी यदि प्रदेश अध्यक्ष के आदेशों का पालन नहीं किया जाता, तो यह राष्ट्रीय नेतृत्व की खुली अवमानना मानी जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब नेतृत्व का सम्मान नहीं होता, तो फिर पार्टी और उसके सिद्धांतों के प्रति निष्ठा का दावा मात्र दिखावा रह जाता है।
“पार्टी किसी की जागीर नहीं, यह जन आंदोलन है”
उन्होंने दो टूक कहा कि पार्टी किसी व्यक्ति विशेष की संपत्ति नहीं, बल्कि विचारधारा और जनसरोकारों पर आधारित आंदोलन है। ऐसे में जो लोग संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए।
कार्यकर्ताओं को सम्मान और भागीदारी देने की मांग
जनार्दन कुमार ने अंत में कहा कि अब समय आ गया है जब सच्चे, जमीनी और प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी और सम्मान मिले ताकि पार्टी मजबूती से खड़ी हो सके और समाज के हर वर्ग का विश्वास फिर से जीत सके।
> “हम किसी चंदा चोरों की तरह राजनीति नहीं करते, न ही किसी से व्यक्तिगत वैमनस्य है। हमारा एकमात्र उद्देश्य है — संगठन की मजबूती, कार्यकर्ताओं का सम्मान और नेतृत्व के प्रति निष्ठा।”
