रीगल मैदान में समाहरणालय भवन बनाने के प्रस्ताव का आरटीआई कार्यकर्ता कृतिवास मंडल ने किया विरोध, जन आंदोलन की दी चेतावनी

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जमशेदपुर, 17 जुलाई 2025।
झारखंड के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल रीगल मैदान (गोपाल मैदान) को समाहरणालय भवन निर्माण के लिए चिह्नित करने पर राजनीतिक और सामाजिक विरोध शुरू हो गया है। आरटीआई कार्यकर्ता संघ के केंद्रीय महासचिव एवं आजसू पार्टी के जिला सचिव श्री कृतिवास मंडल ने इस प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है और राज्य सरकार पर रीगल मैदान के पवित्र और गौरवशाली इतिहास को मिटाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी द्वारा इस मैदान का नाम समाहरणालय भवन निर्माण की समीक्षा सूची में शामिल करना निंदनीय है। श्री मंडल ने मांग की है कि इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए, अन्यथा गांव और शहर के लोग मिलकर जन आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

रीगल मैदान का ऐतिहासिक महत्व

बिस्टुपुर स्थित गोपाल मैदान, जिसे लोग रीगल मैदान के नाम से भी जानते हैं, केवल जमशेदपुर के लिए ही नहीं बल्कि झारखंड और देश भर के लिए एक सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक चेतना का केंद्र रहा है।
यहां गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, टुसू मेला, और आदिवासी-मूलवासी समाज के कई राष्ट्रीय स्तर के आयोजन होते आए हैं।

कृतिवास मंडल ने कहा कि सरकार का यह कदम स्थानीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने की साजिश है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस विषय में हस्तक्षेप करने और समाहरणालय भवन की समीक्षा सूची से इस मैदान का नाम हटाने की मांग की है।



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