Jaipur : राजस्थान कांग्रेस के कई विधायक, हाल ही में अपने साथियों के विधान सभा से निलंबन के निर्णय के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। विधायक कहते हैं कि इस निलंबन से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आघात पहुँचा है और इसे राजनीतिक दबाव के तहत किया गया है।
प्रदर्शन का माहौल
आज सुबह जयपुर में कांग्रेस के विधायक विधानसभा परिसर के बाहर एक बड़े प्रदर्शन में जुटे। मंच पर खड़े नेताओं ने जोर देकर कहा कि निलंबन का फैसला पारदर्शिता से रहित तथा विपक्ष को चुप कराने की एक राजनीतिक साजिश है। भीड़ में नारेबाजी, तिरस्कारपूर्ण टिप्पणियां और विरोध के गहरे नारे गूँज उठे।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
राजस्थान कांग्रेस ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि विधायकों के निलंबन से लोकतांत्रिक संस्थानों की गरिमा पर आंच आई है। वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा, “यह कदम न केवल हमारे विधायक दल के विश्वास को आहत करता है, बल्कि जनता की आवाज को भी दबाने का प्रयास है। हमें इस निर्णय की पुनर्समीक्षा की मांग करनी होगी।”
आगे की मांगें
प्रदर्शन में उपस्थित विधायक तुरंत अपने निलंबित सदस्यों की पुनर्स्थापना और पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों का सम्मान करें और राजनीतिक स्वायत्तता को सुनिश्चित करें।
प्रक्रिया पर सवाल
कांग्रेस के मुताबिक, निलंबन की प्रक्रिया में किसी भी तरह की राजनीतिक पक्षपात की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। विधायक इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि अगर इस निर्णय की ठोस जांच नहीं की गई, तो यह आगामी राजनीतिक परिस्थितियों में भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
अभी तक इस विवादास्पद फैसले के पीछे के राजनीतिक कारणों और प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे स्थिति और भी स्पष्ट हो सके। कांग्रेस दल द्वारा उठाई गई मांग पर, सरकार से जल्द स्पष्टता और जवाबदेही की अपेक्षा की जा रही है।
