लोको पायलट की मौजूदगी के बावजूद बड़ी चोरी, जांच में जुटी रेलवे की कई एजेंसियां
गुमानी: हावड़ा रेलमंडल के अंतर्गत आने वाले सीमावर्ती गुमानी रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार रात लगभग 11 बजे, अज्ञात चोरों ने स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 4 पर खड़ी एक मालगाड़ी के इंजन से करीब 2000 लीटर डीज़ल चोरी कर लिया। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब मालगाड़ी पाकुड़ स्टेशन पहुंची और लोको पायलट ने डीज़ल टैंक में भारी कमी की जानकारी अधिकारियों को दी। उधर घटना की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया।
तुरंत हरकत में आया रेलवे प्रशासन
उधर शुक्रवार की सुबह पाकुड़ आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह अपनी टीम के साथ गुमानी स्टेशन पहुंचे और घटनास्थल की बारीकी से छानबीन शुरू की। जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे की स्पेशल ब्रांच, क्राइम इंटेलिजेंस ब्यूरो और डॉग स्क्वायड टीम को भी जांच में शामिल किया गया है। उसी शाम हावड़ा रेलमंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त चोक्का रघुबीर ने भी घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों को मामले की शीघ्र जांच पूरी कर दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उधर रेलवे सूत्रों के अनुसार, पाकुड़ आरपीएफ पोस्ट में कांड संख्या 05/2025 के तहत अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
लोको पायलट मौजूद, फिर हुई चोरी कैसे
इस मामले का सबसे हैरान करने वाला पहलू यह है कि घटना के वक्त मालगाड़ी के दोनों लोको पायलट इंजन में ही मौजूद थे, इसके बावजूद इतनी भारी मात्रा में डीज़ल की चोरी हो जाना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या यह किसी भीतरखाने मिलीभगत का मामला है या फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक? जहां इन सवालों के जवाब ढूंढना जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
गुमानी स्टेशन की उपेक्षा भी बनी चोरी की वजह
उधर स्थानीय नागरिकों के अनुसार, गुमानी एक उपेक्षित स्टेशन है, जहां ना तो स्थायी आरपीएफ की तैनाती है और ना ही कोई प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था। जहां बीते कुछ वर्षों से यहां चोरी और अन्य असामाजिक गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, लेकिन रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई। इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को सीमावर्ती स्टेशनों पर विशेष प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
अब तक खाली हाथ रेलवे प्रशासन
उधर घटना को 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन रेल प्रशासन अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जहां सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक कोई अपराधी गिरफ्त में नहीं आया है। वहीं स्थानीय स्तर पर रेलवे कर्मियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो बिना किसी आंतरिक सहयोग के इस तरह की घटना को अंजाम देना असंभव है।फिलहाल, रेलवे प्रशासन जांच के अंतिम निष्कर्ष का इंतजार कर रहा है। इस घटना का जल्द उद्भेदन न केवल दोषियों को सजा दिलाने के लिए जरूरी है, बल्कि रेलवे की साख बचाने के लिए भी अहम जरूरी है।