Khubhm:प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है। इसी बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी अपने परिवार के साथ त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। उनके साथ धर्मपत्नी रुक्मिणी देवी, पुत्र ललित दास और पुत्रवधू पूर्णिमा साहू (जमशेदपुर पूर्वी विधायक) भी मौजूद थीं।
स्नान के बाद रघुवर दास ने विधि-विधान से पूजन-अर्चना कर देश, समाज और जनकल्याण की मंगलकामना की। इस दौरान संगम तट पर गूंज रहे “हर-हर गंगे, जय गंगे माता” के जयघोष ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना
महाकुंभ के दौरान रघुवर दास ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता से भी मुलाकात की। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा कुंभ मेले में की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए आभार जताया और कहा कि प्रयागराज महाकुंभ भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और भक्ति का दिव्य पर्व है, जो पूरे विश्व को सनातन परंपराओं की भव्यता से परिचित कराता है।
महाकुंभ: आस्था, अध्यात्म और सनातन संस्कृति का भव्य संगम
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की अद्भुत विरासत का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु यहां संगम स्नान कर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। हर दिशा में धर्म, आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।
क्या कहती है सनातन परंपरा?
सनातन धर्म के अनुसार, महाकुंभ में संगम स्नान करने से जीवन के समस्त पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि का वरदान प्राप्त होता है। यही कारण है कि हर बारह साल में महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम तट पर उमड़ते हैं।
महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ 2025 अपनी भव्यता और दिव्यता के कारण ऐतिहासिक बन चुका है। इस महायज्ञ में हिस्सा लेकर श्रद्धालु सनातन संस्कृति की महानता का अनुभव कर रहे हैं। अब तक लाखों भक्त पवित्र स्नान कर चुके हैं और यह संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
अध्यात्म और भक्ति से सराबोर प्रयागराज महाकुंभ
महाकुंभ 2025 एक बार फिर साबित कर रहा है कि भारत की सनातन संस्कृति अद्वितीय है। यह आयोजन धर्म, आस्था, समाज और संस्कृति का संगम है, जहां हर व्यक्ति आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो रहा है।