साहिबगंज: जिला मुख्यालय के सबसे बड़े 100 बेड़ों वाले सदर अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है जिसके कारण अधिकतर मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। उधर सोमवार को सदर अस्पताल में प्रसूता महिलाओं को प्रसव के बाद बेड तक नसीब नहीं हुआ जिसके कारण कई प्रसूति महिलाएं अपने नवजात शिशुओं को सदर अस्पताल के फर्श पर लिटाकर अपना इलाज कराने को विवश नजर आए। उधर नवजात शिशु के जन्म के बाद एक तरफ जहां प्रसूति महिलाओं को बेड के साथ साथ अन्य जरूरी आवश्यक सुविधाएं मिलती चाहिए वो भी फिलहाल उन्हें उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वही नवजात शिशु को जमीन पर लिटाकर रखने से उन्हें कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है जिनमें उन्हें निमोनिया समेत अन्य बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। उधर जब सिविल सर्जन डॉ . रामदेव पासवान से संबंधित मामले में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में फिलहाल 100 बेड़ों की समुचित व्यवस्था है जहां अतिरिक्त बेड़ों की संख्या बढ़ाने समेत नया भवन बनाने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुटी हुई है। जहां राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त होते ही नया भवन के साथ साथ बेड़ों की भी संख्या बढ़ा दी जाएगी।
