Jamshedpur :विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सिंहभूम विभाग मंत्री अरुण सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बर्बर घटना की कठोर निंदा करते हुए इसे इस्लामिक जिहादियों द्वारा सुनियोजित नरसंहार करार दिया। सिंह का कहना है कि अब वक्त आ गया है जब पाकिस्तान और उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के खिलाफ निर्णायक और सबसे कठोर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने यात्रियों के कपड़े उतरवाकर, कलमा पढ़वाकर और आईडी चेक कर यह सुनिश्चित किया कि वे मुसलमान नहीं हैं, इसके बाद उनकी निर्मम हत्या कर दी। यह मानवता के खिलाफ अपराध है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सिंह ने चेताया कि 1990 के दशक का आतंकवाद फिर सिर उठाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे स्लीपर सेल, साजिश में शामिल
अरुण सिंह ने कहा कि कश्मीर घाटी में अब भी कई स्लीपर सेल सक्रिय हैं, जो पाकिस्तान की योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिए गए कुछ विवादित बयानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये बयान आतंकवाद को वैचारिक समर्थन देने जैसे हैं।
सिंह ने बताया कि एक सांसद ने कुछ समय पहले कहा था कि कश्मीर आने वाले यात्री ‘सांस्कृतिक अतिक्रमण’ कर रहे हैं। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कश्मीर को वापस लेने को अपना एकमात्र एजेंडा घोषित किया। उन्होंने कहा कि यह आतंकी हमला उसी एजेंडे का हिस्सा हो सकता है।

भारत के खिलाफ खुला युद्ध है यह हमला, केंद्र सरकार को देना होगा सख्त जवाब
विहिप नेता ने साफ कहा कि यह कोई सामान्य आतंकी घटना नहीं है बल्कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा घोषित एक खुला युद्ध है। भारत सरकार को इसका जवाब उतनी ही कठोरता और रणनीति से देना होगा ताकि भविष्य में पाकिस्तान या उसके समर्थन से चलने वाला कोई भी आतंकी संगठन दोबारा ऐसा दुस्साहस न कर सके।
उन्होंने सवाल उठाया कि भारत के मुस्लिम नेता इस अमानवीय कृत्य पर चुप क्यों हैं? उन्होंने वक्फ एक्ट पर अफरा-तफरी मचाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब हिंदू यात्रियों की निर्मम हत्या होती है, तब वे सड़क पर क्यों नहीं उतरते?
25 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान
अरुण सिंह ने कहा कि पूरा देश इस घटना से आक्रोशित है और अब जवाबी कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने जानकारी दी कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता 25 अप्रैल को इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन विहिप के केंद्रीय निर्देशानुसार होगा, ताकि देश की जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाई जा सके।