जमशेदपुर। टाटा मोटर्स में कार्यरत बाईसिक्स कर्मी पी. मार्डी की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना 19 अप्रैल को घटी जब पी. मार्डी रोज़ की तरह काम पर पहुंचे थे। कंपनी परिसर में ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें टेल्को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
पी. मार्डी परसूडीह के प्रधान टोला के निवासी थे और परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे। तीन भाइयों में मंझले होने के साथ-साथ उनके ऊपर लगभग 10 लोगों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी। उनकी असमय मृत्यु से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

घटना के बाद परिजनों ने टाटा मोटर्स प्रबंधन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। उनका आरोप है कि यदि समय पर समुचित चिकित्सा व्यवस्था होती तो पी. मार्डी की जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने एक आश्रित को नौकरी और 30 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है।
झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष पलटन मुर्मू ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए कहा कि यदि कंपनी प्रबंधन परिजनों की मांगें नहीं मानता है, तो आंदोलन होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि टाटा मोटर्स का गेट जाम कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पलटन मुर्मू ने कहा, “पी. मार्डी जैसे मेहनती कर्मी की मौत के बाद उसके परिवार को सहयोग देना कंपनी की नैतिक जिम्मेदारी है। जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलता, हम चुप नहीं बैठेंगे।” इस घटना ने एक बार फिर बाईसिक्स कर्मियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।