New Delhi: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बचत खातों में जमा और बनाए रखने वाली राशि की नई सीमाएँ तय कर दी हैं। 1 फरवरी 2025 से लागू होने वाले इन नियमों के तहत, खाताधारक अपने बचत खाते में अधिकतम ₹10 लाख तक की राशि ही रख सकेंगे। इससे अधिक होने पर उन्हें बैंक से नोटिस प्राप्त होगा और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
नई लिमिट और नियमों का अवलोकन
RBI के इस नए निर्देश का उद्देश्य वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देना और बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित बनाना है। इसके तहत प्रमुख बैंकिंग नियमों में बदलाव किया गया है।
RBI के नए नियम क्यों लागू किए गए?
RBI का मानना है कि इन दिशा-निर्देशों से खाताधारकों को वित्तीय अनुशासन सिखाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, बैंकिंग सिस्टम को अधिक सुरक्षित बनाने और धोखाधड़ी से बचाव के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
1. वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करना
विशेषज्ञों के अनुसार, खाताधारकों द्वारा बड़ी राशि बचत खाते में रखने से वित्तीय अनुशासन में कमी आ सकती है। यह कदम निवेश को बढ़ावा देने और अनावश्यक जमा से बचने के लिए उठाया गया है।
2. धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों पर लगाम
बचत खातों में भारी रकम रखने से धोखाधड़ी और साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इसलिए, एक सीमा तय करने से खाताधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
3. बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करना
नए नियम बैंकों की स्थिरता और उनकी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायक होंगे। इससे बैंकों की बैलेंस शीट पर दबाव कम होगा और उनकी कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी।
नोटिस मिलने की प्रक्रिया और संभावित कार्रवाई
यदि कोई खाताधारक अपने बचत खाते में ₹10 लाख से अधिक की राशि रखता है, तो उसे बैंक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद निम्नलिखित प्रक्रियाएँ अपनाई जाएंगी—
1. सूचना प्राप्त होगी:
खाताधारक को बैंक द्वारा SMS या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा कि उसकी राशि निर्धारित सीमा से अधिक हो गई है।
2. दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:
खाताधारक को अपने आय के स्रोत का विवरण देने के लिए आधार, पैन कार्ड और अन्य प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।
3. संभावित जुर्माना:
यदि खाताधारक अपनी आय का स्रोत स्पष्ट नहीं कर पाता है, तो उसे आयकर विभाग की ओर से जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
बचत खाते से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ
1. न्यूनतम बैलेंस में बदलाव
नए नियमों के अनुसार, विभिन्न बैंकों में बचत खाते के न्यूनतम बैलेंस की सीमा भी बढ़ा दी गई है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI): ₹5,000
पंजाब नेशनल बैंक (PNB): ₹3,500
केनरा बैंक: ₹2,500
2. अधिकतम बैलेंस सीमा
खाताधारक एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹10 लाख तक की राशि अपने बचत खाते में रख सकते हैं। इससे अधिक राशि होने पर बैंक की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा।
3. आयकर विभाग की नजर
यदि किसी खाताधारक के बचत खाते में बड़ी धनराशि जमा होती है, तो आयकर विभाग उस पर विशेष ध्यान दे सकता है। खाताधारक को अपनी आय का स्रोत स्पष्ट करने के लिए दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि RBI के इस नए फैसले से भारतीय बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा। हालांकि, कुछ खाताधारकों को इससे असुविधा हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
