Nepali New Year 2025 celebration नेपाली सेवा समिति जमशेदपुर ने नववर्ष 2025 का जश्न पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया, जिसमें जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम और डॉ. अंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।



Jamshedpur. :नेपाली सेवा समिति परिसर में सोमवार को नववर्ष 2025 का स्वागत पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। दिन की शुरुआत श्री श्री पशुपति नाथ मंदिर में सामूहिक पूजा-पाठ से हुई, जहां समाज के लोगों ने सनातनी परंपराओं का पालन करते हुए नववर्ष के लिए मंगल कामनाएं कीं।

बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर, नए कपड़े पहनकर और पारंपरिक पकवानों का आनंद लेकर समाज के लोगों ने दिन को विशेष बना दिया। शाम को समिति परिसर में आयोजित कार्यक्रम में एक-दूसरे को नववर्ष की बधाइयां दी गईं और सामूहिक उल्लास का माहौल बना रहा।




दीप प्रज्वलन और अंबेडकर जयंती पर पुष्पांजलि से शुरू हुआ समारोह

विधायक पूर्णिमा साहू ने नेपाली में भाषण देकर जीता दिल

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे मुख्य अतिथि विधायक पूर्णिमा दास साहू, समाजसेवी टी.के. राय, केंद्रीय अध्यक्ष विजय कुमार दमाई, परिषद सदस्य शमशेर बोरा, संस्कृति सचिव ज्योति अधिकारी, और मंदिर अध्यक्ष राम शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती भी श्रद्धा के साथ मनाई गई। सभी ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर सामाजिक समानता और शिक्षा के उनके विचारों को अपनाने का संकल्प लिया।

विधायक पूर्णिमा साहू ने नेपाली भाषा में अपने भाषण की शुरुआत कर उपस्थित जनसमूह का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा और एकजुटता जरूरी है। बच्चों को शिक्षित करना हमारी पहली जिम्मेदारी है क्योंकि वे ही भविष्य के निर्माणकर्ता हैं।




बच्चों की मनमोहक प्रस्तुति बनी समारोह का मुख्य आकर्षण

सांस्कृतिक कार्यक्रम में झलकी नेपाली लोक-संस्कृति

संस्कृति सचिव ज्योति अधिकारी के मार्गदर्शन में बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम कार्यक्रम की शान बन गया। पारंपरिक नेपाली परिधानों में सजे बच्चों ने नृत्य, गीत और नाट्य रूपांतरण के जरिए नेपाल की सांस्कृतिक विविधता को मंच पर जीवंत कर दिया।

कार्यक्रम में नेपाली नृत्य की भाव-भंगिमाएं, पारंपरिक संगीत और समुदाय की एकता ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने तालियों की गूंज से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।




रात्रि भोज के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

समारोह के अंत में समिति द्वारा भव्य रात्रि भोज का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों ने सहभागिता की। परंपरागत व्यंजनों की खुशबू और सामूहिक मिलन ने नववर्ष को एक अविस्मरणीय उत्सव बना दिया।




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