जमशेदपुर. मिर्जाडीह के कोलाबनी गांव स्थित फूलों-झानो फुटबॉल मैदान में रविवार को आदिम जुमीद मार्शल मड़वा क्लब की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता माझी बाबा उपेंद्र हंसदा ने की।
बैठक में 5 अगस्त को राजकीय शोक के दौरान रैयतों के घरों को ध्वस्त करने की कथित अवैध कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई। मिर्जाडीह बांध विस्थापित और रैयत समुदाय ने इस घटना को प्रशासनिक ज्यादती करार देते हुए एकजुट होकर विरोध दर्ज किया।
बैठक में अलकतरा फैक्ट्री, आमदा पहाड़ से बाटालुका, हंसाडूंगरी, शिरीघुटू एवं पुनरागमन-कोलाबोनी सड़क की जर्जर स्थिति पर भी गंभीर चर्चा की गई। प्रतिनिधियों ने शिक्षा, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी को भी बड़ी समस्या बताया।
इसी कड़ी में निर्णय लिया गया कि आगामी 23 सितंबर को मिर्जाडीह विस्थापित और आसपास के गांवों के रैयत विशाल धरना प्रदर्शन करेंगे। आयोजकों का दावा है कि इस आंदोलन में हजारों लोग शामिल होंगे।
बैठक में मुख्य रूप से माझी बाबा, ग्राम प्रधानों के अलावा र्कातिक सोरेन, शंभु सिंह, हरमोहन महतो, नारायन महतो, उत्तम प्रधान, प्रह्लाद गोप, बादल सोरेन, बाबूराम सोरेन, युधिष्ठिर महतो, सुरेंद्र सोरेन, भानु सिंह, श्याम सिंह, विश्वनाथ हांसदा समेत कई ग्रामीण नेता उपस्थित रहे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक रैयतों के साथ न्याय और विस्थापित परिवारों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं होगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
