Saraikela : मेटालसा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 167 श्रमिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। श्रमिक वेतन विसंगतियों, ओवरटाइम भुगतान, सामाजिक सुरक्षा, ठेका मजदूरों के कानूनी अधिकार और औद्योगिक सुरक्षा की मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। हालांकि, कंपनी प्रबंधन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई, जिससे श्रमिकों में रोष बढ़ता जा रहा है।
प्रबंधन और श्रमिकों के बीच कोई वार्ता नहीं
हड़ताल का दूसरा दिन भी बिना किसी समाधान के बीत गया। प्रबंधन और श्रमिक यूनियन के बीच वार्ता का कोई संकेत नहीं दिखा। श्रमिकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता और मेटालसा वर्कर्स यूनियन को मान्यता नहीं दी जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल को संगठित करने के लिए इसे दो भागों में विभाजित किया गया है – एक टीम राजधानी रांची में सरकार और प्रशासन के सामने अपनी बात रखेगी, जबकि दूसरी टीम कंपनी के मुख्य द्वार पर धरना जारी रखेगी।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
मेटालसा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राजीव पांडेय ने कहा कि यूनियन के प्रतिनिधि बुधवार को श्रमायुक्त, श्रम सचिव और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो श्रमिक कानूनी कार्रवाई करने और सरकार से हस्तक्षेप की मांग करने को मजबूर होंगे।
श्रमिकों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं और प्रबंधन ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
अब सबकी निगाहें प्रशासन और कंपनी प्रबंधन पर टिकी हैं कि वे इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
