MBNS ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य आयोजन, छात्रों एवं शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

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जमशेदपुर, 21 जून 2025 — अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में MBNS ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस द्वारा शनिवार को “योग – एक धरती, एक स्वास्थ्य” थीम पर आधारित एक दिवसीय योग कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था, बल्कि पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जागरूकता भी फैलाना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के मुख्य सभागार में प्रातः 11:00 बजे हुआ, जिसमें लगभग 150 छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंगलाचरण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। दीप प्रज्वलन समारोह का नेतृत्व संस्थान की निदेशिका श्रीमती अनुपा सिंह एवं अध्यक्ष श्री विवेक सिंह ने किया, जिन्होंने इस अवसर पर योग के महत्व को रेखांकित किया।

निदेशिका श्रीमती अनुपा सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा, योग केवल शरीर को साधने की क्रिया नहीं है, यह जीवन की एक समग्र पद्धति है जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक संतुलन प्रदान करती है। योग एक ऐसी धरोहर है जिसे अपनाकर मानव स्वयं को और इस पृथ्वी को बेहतर बना सकता है।

इस वर्ष की थीम “योग – एक धरती, एक स्वास्थ्य” का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर मानव और प्रकृति के बीच संतुलन को बढ़ावा देना है। यह संदेश देता है कि जब मनुष्य स्वयं संतुलित होता है, तो वह प्रकृति और अन्य जीवों के प्रति भी जागरूक और संवेदनशील बनता है।

योगाभ्यास सत्र:

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में योग शिक्षक द्वारा संचालित योग सत्र रहा, जिसमें विद्यार्थियों को विभिन्न योगासनों का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, वज्रासन, शवासन के साथ-साथ अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम जैसे अभ्यासों का महत्व बताया और उन्हें सजीव रूप से करवाया। उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने अनुशासन और गंभीरता के साथ अभ्यास कर योग की उपयोगिता को आत्मसात किया।

मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष व्याख्यान:

योग सत्र के उपरांत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय था योग और मानसिक स्वास्थ्य। विशेषज्ञ वक्ता ने छात्रों को बताया कि वर्तमान समय में युवाओं में तनाव, चिंता, अनिद्रा जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, और योग इन सभी का प्रभावी समाधान है। नियमित योगाभ्यास से मानसिक स्थिरता, भावनात्मक संतुलन और सकारात्मक सोच को बल मिलता है।

शिक्षकों और छात्रों की भागीदारी:

संस्थान के सभी संकाय सदस्यों ने पूरे जोश के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और छात्रों को नियमित योगाभ्यास को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। शिक्षकों ने यह भी कहा कि योग केवल स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि यह अनुशासन, धैर्य, एकाग्रता और जीवन में सकारात्मकता का बीज भी बोता है।

समापन:

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और सामूहिक संकल्प के साथ हुआ जिसमें सभी प्रतिभागियों ने प्रतिदिन योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया। संस्थान ने यह स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय में भी योग से जुड़े आयोजनों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक रूप से, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी पूर्ण रूप से सशक्त बन सकें।