जमशेदपुर, 31 जुलाई — मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने स्वागत किया है। सिंहभूम विभाग मंत्री अरुण सिंह ने इस फैसले को न्याय और सच्चाई की जीत करार देते हुए कहा कि “यह फैसला भारतीय राजनीति के एक लंबे और विवादित अध्याय का पटाक्षेप है।”
अरुण सिंह ने कहा कि वर्षों तक मालेगांव विस्फोट मामले में ‘भगवा आतंकवाद’ का जो नैरेटिव खड़ा किया गया था, वह राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ी गई एक मनगढ़ंत कहानी थी। अदालत में ठोस सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों का बरी होना इस बात का प्रमाण है कि यह एक राजनीतिक साजिश से प्रेरित प्रोपेगेंडा था, जिसका उद्देश्य हिंदू संगठनों और उनके कार्यकर्ताओं को बदनाम करना था।
उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों ने करीब 15 वर्षों तक अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए संघर्ष किया, जबकि मीडिया ट्रायल और राजनीतिक बयानों ने पहले ही उन्हें दोषी घोषित कर दिया था। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि प्रभावित हुई, बल्कि समाज में भी अविश्वास और ध्रुवीकरण का माहौल बना।
“यह फैसला न्यायपालिका की ताकत और उसकी निष्पक्षता का प्रतीक है। देश को ऐसी राजनीति से बचना चाहिए जो बिना किसी सबूत के लोगों को दोषी ठहराने का एजेंडा चलाती है,” – अरुण सिंह ने कहा।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद जमशेदपुर महानगर के जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे हिंदुत्व की वैचारिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश की जनता के लिए एक मजबूत संदेश है कि न्यायपालिका केवल सबूतों के आधार पर निर्णय लेती है, न कि राजनीतिक दबाव या मीडिया के नैरेटिव के आधार पर।
