राजकीय शोक के दिन टाटा कंपनी की कार्रवाई पर सवाल – ग्रामीणों में रोष

SHARE:

Jamshedpur : झारखंड के जननायक और दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के बाद राज्य सरकार द्वारा घोषित तीन दिवसीय राजकीय शोक के दौरान एक विवादास्पद घटना सामने आई है। मिर्जाडीह गांव में टाटा कंपनी द्वारा की गई जमीन सर्वेक्षण की कार्रवाई से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।

ग्रामीणों का आरोप है कि 5 अगस्त की सुबह टाटा कंपनी के प्रतिनिधि कुछ अंचल एवं जिओ कार्यालय के कर्मियों के साथ गांव पहुंचे और एक जमीन पर नापी और मुआयने की कोशिश की। जबकि उक्त जमीन पहले ही 16 ग्रामीणों के नाम पर सरकारी बंदोबस्त के तहत आवंटित की जा चुकी है। ग्रामीणों के पास वैध कागजात और रसीदें भी मौजूद हैं।

कोई वैध आदेश नहीं, फिर भी कार्रवाई?

जब स्थानीय लोगों ने कर्मचारियों से सवाल किया कि क्या उनके पास कोई सरकारी आदेश या नोटिस है, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इससे ग्रामीणों को यह आशंका हुई कि यह कार्यवाही बिना वैध प्रक्रिया के और संभवतः टाटा कंपनी के दबाव में की जा रही है।

प्रमुख सवाल जो प्रशासन से पूछे जा रहे हैं:

1. जब राज्य में राजकीय शोक लागू है, तब कौन-से आदेश के तहत सरकारी कर्मचारी गाँव में पहुंचे?

2. क्या सरकारी मशीनरी अब निजी कंपनियों के इशारे पर कार्य कर रही है?

3. क्या राज्य सरकार के घोषित राजकीय शोक की कोई संवैधानिक गरिमा नहीं रह गई?

ग्रामीणों की चार प्रमुख माँगें:

1. इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि सरकारी कर्मियों को किसने, और किस आदेश के तहत भेजा।

2. राजकीय शोक के उल्लंघन और बिना वैध प्रक्रिया के कार्यवाही करने के लिए टाटा कंपनी से जवाब-तलबी की जाए।

3. जिन ग्रामीणों को जमीन आवंटित की जा चुकी है, उन्हें कानूनी अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा दी जाए।

4. प्रशासन ऐसी सभी कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाए, जो ग्रामीणों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से की जा रही हों।

“यह सिर्फ ज़मीन नहीं, अस्मिता का सवाल है”

ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला केवल ज़मीन का नहीं बल्कि झारखंड की अस्मिता और आदिवासी अधिकारों का सवाल है। शोक के समय भी यदि सरकारी तंत्र का उपयोग निजी हितों के लिए किया जा सकता है, तो यह लोकतंत्र और सामाजिक न्याय पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न है।

गांव के प्रतिनिधि अब इस विषय में जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को औपचारिक शिकायत देने की प्रक्रिया में हैं ताकि उन्हें न्याय मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

Leave a Comment