Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा भूमि विवादों के त्वरित समाधान के लिए हर बुधवार “भूमि विवाद समाधान दिवस” का आयोजन किया जा रहा है। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार, पहले शिविर का आयोजन जिले के डुमरिया, कोवाली, जादूगोड़ा, धालभूमगढ़, गुड़ाबांदा, बहरागोड़ा, श्यामसुंदरपुर, बोडाम, घाटशिला, कमलपुर, पटमदा, परसुडीह और एमजीएम थाना परिसरों में किया गया। इस दौरान 56 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 14 मामलों का मौके पर ही निष्पादन कर दिया गया।
भूमि विवाद निपटाने के लिए प्रशासन की पहल
इस पहल का उद्देश्य भूमि विवादों के कारण नागरिकों को होने वाली परेशानी को कम करना है। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि छोटी-मोटी त्रुटियों के कारण लोग राजस्व कार्यालयों और अदालतों के चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं। इससे न केवल प्रशासनिक बोझ बढ़ता है, बल्कि समाज में असंतोष भी उत्पन्न होता है। कई बार भूमि विवाद अपराध का कारण भी बनते हैं। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक बुधवार भूमि विवाद समाधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
कैसे काम करेगा शिविर?
शिविर के दौरान अंचल अधिकारी (CO) संबंधित थाना परिसर में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक मौजूद रहेंगे। उनके साथ राजस्व उप निरीक्षक, अंचल निरीक्षक और अन्य कर्मी आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित रहेंगे। सभी प्राप्त आवेदनों का निष्पादन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा और अवशेष मामलों की रिपोर्ट दो कार्य दिवसों के भीतर जिला राजस्व कार्यालय को सौंपी जाएगी।
प्रशासन और पुलिस का समन्वय
थाना प्रभारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे राजस्व अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर शिविर के सफल संचालन में योगदान दें। इससे नागरिकों को त्वरित न्याय मिल सकेगा और भूमि विवादों को लेकर बढ़ती अदालती प्रक्रियाओं में भी कमी आएगी। जिला प्रशासन की इस नई पहल से भूमि विवादों का तेजी से समाधान होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे नागरिकों को राहत मिलेगी और कानून-व्यवस्था भी मजबूत होगी।
