हो समाज भवन में लाको बोदरा की 39वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित

SHARE:

Jamshedpur : महान भाषाविद्, समाज सुधारक और ‘वारांग चिति’ लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा जी की 39वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को हो समाज भवन, गोलमुरी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाजसेवियों, युवाओं और महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई।

कार्यक्रम की शुरुआत और वक्ताओं के विचार

सभा की शुरुआत लाको बोदरा जी के चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित कर की गई। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ सदस्यों और युवाओं ने उनके योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा दी।



पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष वीर सिंह बिरुली ने उनके जीवन और कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि लाको बोदरा जी केवल एक भाषाविद नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति के वाहक थे। उन्होंने आदिवासी अस्मिता को अक्षरों की शक्ल में ढाला। उन्होंने कहा, “हो भाषा और वारांग चिति लिपि की रक्षा करना केवल भाषायी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा है। यह नई पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह इस धरोहर को आगे ले जाए।”

युवाओं से संवाद और समाज का संकल्प

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने युवाओं से अपील की कि वे साहित्य, संस्कृति और लिपि संरक्षण के कार्यों में अग्रसर हों। सभी उपस्थितजनों ने लाको बोदरा जी की स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने और ‘वारांग चिति’ लिपि के प्रचार-प्रसार के लिए सामूहिक प्रयास करने का संकल्प लिया।

उपस्थित प्रमुख लोग

सभा में वीर सिंह बिरुली, रवि सवैया, पूरन हेंब्रम, डेविड सिंह बनरा, राकेश उरांव, शंभू मुखी, नंदलाल पातर, कार्तिक उरांव, विजय बारी समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आदिवासी हो समाज युवा महासभा, पूर्वी सिंहभूम के उपाध्यक्ष रवि सवैया ने किया।

Leave a Comment