झारखंड छात्र मोर्चा ने शिक्षा मंत्री राम दास सोरेन का किया धन्यवाद, इंटरमीडिएट छात्रों को कॉलेज में ही 12वीं पढ़ने की मिली अनुमति

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रांची, झारखंड | 13 जुलाई 2025:
झारखंड राज्य के छात्रों के हित में एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। झारखंड छात्र मोर्चा ने झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री राम दास सोरेन का आभार प्रकट किया है। मोर्चा ने उन छात्रों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया है, जो 11वीं कक्षा उत्तीर्ण कर उसी कॉलेज में 12वीं की पढ़ाई जारी रखना चाहते थे।

क्या है पूरा मामला?

झारखंड छात्र मोर्चा ने दिनांक 09 जुलाई 2025 को एक पत्र के माध्यम से शिक्षा मंत्री से यह मांग की थी कि जिन छात्रों ने 11वीं कक्षा किसी विशेष कॉलेज से उत्तीर्ण की है, उन्हें उसी कॉलेज में 12वीं पढ़ाई करने की अनुमति दी जाए।यह मुद्दा उन हजारों छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था जिन्हें कॉलेज बदलने या नए दाखिले की प्रक्रिया से जूझना पड़ता और जिनके भविष्य पर अनिश्चितता छा गई थी।

मंत्री जी ने दिया था शीघ्र समाधान का आश्वासन

शिक्षा मंत्री राम दास सोरेन ने झारखंड छात्र मोर्चा के पत्र का संज्ञान लेते हुए शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि 5 दिनों के भीतर सरकार तथा राज्यपाल के स्तर से नोटिस जारी कर सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया जाएगा, ताकि छात्रों को 12वीं की पढ़ाई के लिए कॉलेज बदलने की बाध्यता न हो।

मोर्चा ने छात्रों की ओर से जताया आभार

छात्र मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के हित में एक सकारात्मक पहल है। इससे शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी और छात्रों को प्रशासनिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी।

छात्र मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया:

“हम झारखंड छात्र मोर्चा की ओर से माननीय शिक्षा मंत्री श्री राम दास जी का और सरकार का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं। यह निर्णय राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।”

छात्रों को मिलेगा लाभ

इस निर्णय से झारखंड के विभिन्न कॉलेजों में अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। अब वे बिना कॉलेज बदले, उसी संस्थान से 12वीं की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि छात्रों की मानसिक स्थिति भी बेहतर बनी रहेगी।

आगे की पहल की उम्मीद

छात्र मोर्चा ने यह भी उम्मीद जताई कि राज्य सरकार भविष्य में भी छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करेगी और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में सकारात्मक प्रयास जारी रखेगी।