Jamshedpur : झारखंड में शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर विवादों के घेरे में है। हाल ही में हुई झारखंड बोर्ड की साइंस परीक्षा का पेपर लीक होने की घटना ने राज्य की परीक्षा प्रणाली और प्रशासनिक कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष सागर राय ने इस मुद्दे पर आवाज उठाते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार पर कड़ी आलोचना की है।
हर परीक्षा में गड़बड़ी, कब मिलेगा समाधान?
झारखंड में परीक्षाओं में गड़बड़ी अब आम बात बनती जा रही है। चाहे बात सीजीएल परीक्षा की हो या मैट्रिक परीक्षा की—लगभग हर परीक्षा में पेपर लीक होने की खबरें आती रहती हैं। सागर राय ने कहा कि हाल ही में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के अध्यक्ष की नियुक्ति के बावजूद यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार किसी भी परीक्षा को कदाचार मुक्त क्यों नहीं करवा पा रही है?
शिक्षा मंत्री और सरकार की कार्यशैली पर सवाल
साइंस पेपर लीक मामले में शिक्षा मंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। सागर राय ने कहा कि क्या शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी केवल भाषण देने तक सीमित है? जब छात्र दिन-रात मेहनत करके अपना भविष्य संवारने का सपना देखते हैं, तो उनके सपनों के साथ इस तरह का खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो छात्रों का परीक्षा प्रणाली से भरोसा उठ जाएगा।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी
सागर राय ने मांग की है कि झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग इस लापरवाही की जिम्मेदारी लें। जब तक इस भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और गिरोह के सरगनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शिक्षा व्यवस्था यूं ही मजाक बनती रहेगी। उन्होंने कहा कि पेपर लीक जैसी घटनाओं से न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित होता है, बल्कि राज्य की साख भी दांव पर लगती है। अब समय आ गया है कि सरकार जवाब दे कि आखिर कब तक छात्र और उनके अभिभावक इस लापरवाही की कीमत चुकाते रहेंगे?