जैविक उत्पाद के बाजार में 20% वृद्धि की संभावनाएं : शिल्पी नेहा तिर्की

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Ranchi : राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि भारत में जैविक उत्पादों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और अगले दस वर्षों में इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। वे रांची में आयोजित बायर और सेलर मीट-2025 के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।

इस आयोजन का उद्देश्य झारखंड के जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ना है। मंत्री ने कहा कि यह शुरुआत भले ही छोटी हो, लेकिन लक्ष्य बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि झारखंड की 70% आबादी कृषि पर निर्भर है, और जैविक खेती राज्य के किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम बन सकती है।

झारखंड की बड़ी भूमिका संभव

मंत्री ने सिक्किम का उदाहरण देते हुए कहा कि अन्य राज्यों ने जैविक उत्पादों में पहचान बनाई है, अब झारखंड को भी इस दौड़ में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। इसके लिए किसानों के लिए एसओपी तैयार कर उन्हें जैविक कृषि की प्रक्रियाएं नजदीक से दिखाने की जरूरत है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जैविक उत्पाद को बाजार तक पहुँचाने और किसानों को बेहतर लाभ दिलाने के लिए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) की भूमिका अहम है। एफपीओ को प्रोसेसिंग यूनिट और सब्सिडी सहायता देने की दिशा में भी योजना बनाने की बात कही गई।

अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और स्थानीय प्रदर्शनी

ओफाज द्वारा आयोजित इस मीट में केन्या, केरल, जयपुर, देहरादून, हैदराबाद, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश से प्रतिनिधि शामिल हुए। मीट के दौरान आम और अन्य जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें मालदा और आम्रपाली जैसे किस्मों के आम लोगों ने खूब खरीदे।

चयन पत्र वितरण

इस मौके पर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने आत्मा परियोजना के तहत संविदा आधारित 12 उप परियोजना निदेशकों को चयन पत्र भी प्रदान किए। चयनित लोगों में मोहम्मद जावेद इस्लाम, चंद्रमोली, बबलू सिंह, शमीम अंसारी सहित अन्य नाम शामिल हैं।

विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीख पी ने भी जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पर्यावरण, स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टि से लाभदायक विकल्प है।

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