जनता दरबार बना लोगों की उम्मीदों का केंद्र, जिला प्रशासन व जनता के बीच विश्वास हुआ और मजबूत

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साहिबगंज: जिले में प्रशासन और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता लगातार गहरा होता जा रहा है। जहां मंगलवार को समाहरणालय स्थित उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित जनता दरबार ने एक बार फिर यह साबित किया कि यह पहल अब लोगों की उम्मीदों का केंद्र बन चुकी है। वही उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी हेमंत सती की अध्यक्षता में आयोजित जनता दरबार में ग्रामीण एवं शहरी नागरिक उपस्थित हुए और अपनी समस्याएं सीधे जिला प्रशासन के समक्ष रखीं। जहां इस जनता दरबार में भूमि विवाद, पेंशन भुगतान, पेयजल संकट, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली आपूर्ति, शिक्षा व्यवस्था सहित विभिन्न विभागीय मामलों से जुड़ी शिकायतें सामने आईं। उधर उपायुक्त श्री सती ने प्रत्येक शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत बातचीत की और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। वही उन्होंने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई का निर्देश देते हुए साफ शब्दों में कहा कि “जनहित से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि हर नागरिक को समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण समाधान उपलब्ध कराना ही पहली प्राथमिकता है। आगे उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी विभागों को अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से उपायुक्त कार्यालय को सौंपनी होगी, ताकि मॉनिटरिंग और पारदर्शिता बनी रहे। वही अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि समस्याओं के निस्तारण में देरी या औपचारिकता स्वीकार्य नहीं होगी। उधर जनता दरबार में जिला नियोजन पदाधिकारी सह जन सूचना कोषांग प्रभारी मनोज मनजीत भी उपस्थित रहे। जहां उन्होंने आश्वस्त किया कि प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। ज्ञात हो कि साहिबगंज में प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार आयोजित किया जाता है जहां इस व्यवस्था ने प्रशासनिक कार्य संस्कृति को नई दिशा दी है। वही लोग बिना किसी मध्यस्थ के अपनी समस्याएं सीधे जिला प्रशासन तक पहुँचा रहे हैं। इससे जहां शासन और जनता के बीच संवाद मजबूत हुआ है वहीं विश्वास भी गहरा हुआ है कि प्रशासन उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वही जनता दरबार की बढ़ती लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण उपायुक्त हेमंत सती की सरल, संवेदनशील और जवाबदेह कार्यशैली है। जहां वे न केवल हर शिकायतकर्ता से धैर्यपूर्वक मिलते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से हो।

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