Jamshedpur : लगातार 48 घंटे से जारी भारी बारिश ने जमशेदपुर शहर की स्थिति को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर से होकर बहने वाली दोनों प्रमुख नदियां — स्वर्णरेखा एवं खरकाई — खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन के अनुसार अब तक करीब दो दर्जन बस्तियां प्रभावित हो चुकी हैं और लगभग 200 घरों में पानी प्रवेश कर गया है।
बाढ़ के कारण जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। सड़कों पर जलभराव, घरों में घुसा गंदा पानी और बिजली आपूर्ति की बाधा ने नागरिकों की परेशानी और बढ़ा दी है। जिला प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। सभी सरकारी विभागों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और अधिकारियों को मौके पर सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने मानगो क्षेत्र समेत अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने शेल्टर होम में भोजन, स्वच्छ पेयजल, टॉयलेट आदि मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में टाटी और अन्य तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए।
स्थानीय निवासी जीतू सिंह ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “पिछली बार बाढ़ के दौरान प्रशासन ने पूर्व में अलर्ट जारी किया था, लेकिन इस बार अचानक पानी घर में घुस गया, जिससे काफी नुकसान हुआ है।” उन्होंने नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की।
वहीं दुर्गा सिंह ने कहा, “बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन कम से कम ठहरने और भोजन की उचित व्यवस्था करे। लगातार बारिश से लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।”
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, नदियों के किनारे न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। जिला आपदा नियंत्रण कक्ष 24×7 सक्रिय है और किसी भी आपात स्थिति में 0657-2444233 पर संपर्क किया जा सकता है।
