जमशेदपुर, 21 जून 2025 — अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के लोक अदालत हॉल में एक प्रेरणादायक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय अरविंद कुमार पांडेय के संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने “निरोग रहने और तनावमुक्त जीवन जीने के लिए योग को अपनी दिनचर्या में अपनाने” का आह्वान किया।
योग: भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन
अपने संबोधन में प्रधान जिला जज श्री पांडेय ने कहा, “योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है। भारत ने विश्व को योग की अनमोल विधा दी है, जो अब एक वैश्विक स्वास्थ्य समाधान के रूप में स्थापित हो चुका है।”उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में योग तनाव, चिंता, अवसाद और शारीरिक रोगों से बचाव का सबसे प्रभावी साधन है। उन्होंने न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, स्टाफ एवं उपस्थित जनों से अपील की कि वे स्वस्थ, अनुशासित और सकारात्मक जीवन शैली के लिए योग को अपनाएं।
आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा योगाभ्यास
इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग के योग प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न योगासनों एवं प्राणायामों का अभ्यास कराया गया। प्रशिक्षकों ने ताड़ासन, भुजंगासन, वज्रासन, शवासन जैसे योगाभ्यासों के साथ अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी जैसे प्राणायामों का अभ्यास करवाया और इनके लाभों की विस्तार से जानकारी दी।
न्यायिक पदाधिकारियों की भागीदारी
इस प्रेरक योग कार्यक्रम में प्रधान जिला जज सहित व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी, कोर्ट स्टाफ, डालसा (DLSA) के सदस्य एवं पारा विधिक स्वयंसेवक (PLVs) ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। पूरे आयोजन में अनुशासन, समर्पण और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना रहा।
इस वर्ष की थीम: “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य”
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की वैश्विक थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” ने कार्यक्रम को और भी सार्थक बना दिया। यह थीम इस बात को रेखांकित करती है कि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है। योग न केवल व्यक्ति विशेष के स्वास्थ्य को संतुलित करता है, बल्कि पृथ्वी और समस्त जीवों के कल्याण की भावना भी जागृत करता है।
DLSA की पहल: योग ग्राम स्तर तक
जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) के सचिव श्री धर्मेन्द्र कुमार के कुशल नेतृत्व में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। उन्होंने न केवल व्यवहार न्यायालय में कार्यक्रम का संचालन किया, बल्कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पोटका में भी छात्राओं के साथ योग दिवस मनाया। उन्होंने बच्चों को योग की उपयोगिता के बारे में बताया और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया।साथ ही, उन्होंने बताया कि जिले के सभी लीगल एड क्लीनिकों में कार्यरत पीएलवी (Para Legal Volunteers) ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में योग दिवस मनाया और ग्रामीण स्तर तक लोगों को योग से जोड़ने का कार्य किया।