जमशेदपुर, 20 जुलाई: गोलमुरी सह जुगसलाई प्रखंड अंतर्गत एम.जी.एम थाना क्षेत्र के देवघर पंचायत भवन से केंदडीह होते हुए ईदलबेड़ा आर.वी.एस. कॉलेज तक की करीब 2.7 किमी लंबी सड़क दो वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़ी है, लेकिन आज तक प्रशासन द्वारा इसकी मरम्मत की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।स्थानीय ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों द्वारा वर्ष 2022 से लगातार प्रशासन को आवेदन दिए जा रहे हैं, लेकिन सड़क निर्माण का कार्य आज भी अधर में लटका हुआ है। इस दौरान लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन इस आदिवासी बहुल क्षेत्र की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है।
लाखों की आबादी प्रभावित, बढ़ा दुर्घटनाओं का खतरा
यह सड़क न केवल ग्रामीणों का मुख्य मार्ग है, बल्कि यही संपर्क मार्ग पंचायत सचिवालय, सिमुलडांगा +2 उच्च विद्यालय, ईदलबेड़ा प्राथमिक विद्यालय और आर.वी.एस. कॉलेज जैसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचने के लिए भी एकमात्र रास्ता है।वर्ष 2011 में एन.पी.सी.सी द्वारा निर्मित यह सड़क अब जगह-जगह से उखड़ चुकी है। गड्ढों में तब्दील इस सड़क से आवागमन करना जोखिम भरा हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार, बारिश के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है और दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बार-बार आवेदन, फिर भी कोई सुनवाई नहीं
स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने कई बार लिखित आवेदन देकर जिला प्रशासन, विधायक और सांसद तक से सड़क मरम्मत की गुहार लगाई है।
अब तक दिए गए मुख्य आवेदन:
- 14-06-2021 – गौड़ सेवा संघ द्वारा उपायुक्त, जमशेदपुर को
- 01-10-2022 – बिरसा मुंडा खेल एवं सामाजिक विकास संस्थान द्वारा
- 21-01-2023 – विधायक जुगसलाई को सामाजिक संगठनों द्वारा
- 12-01-2024 – मांझी बाबा देवघर द्वारा संबंधित अधिकारियों को
- 18-07-2024 – लोकसभा सांसद को गौड़ सेवा संघ द्वारा
(Acknowledgement No. 6/58/1212/680160)
इन सभी प्रयासों के बावजूद सड़क मरम्मत कार्य न शुरू होना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
“86 बस्तियों में भी इतनी जर्जर सड़क नहीं” – ग्रामीणों का तंज
ग्रामीणों का कहना है कि जिस हालत में यह सड़क है, वैसी स्थिति तो झारखंड की 86 पिछड़ी बस्तियों में भी देखने को नहीं मिलेगी।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार सिर्फ कागजों पर विकास कर रही है, जमीन पर उनकी समस्याएं अनदेखी की जा रही हैं।
जल्द संज्ञान लेने की मांग
सड़क की बदहाली को देखते हुए ग्रामीणों ने पुनः प्रशासन से अपील की है कि इस मार्ग की मरम्मत का कार्य अत्यंत प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाए ताकि जनजीवन को राहत मिल सके।यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।