रांची, झारखंड — झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. राकेश कुमार पाण्डेय ने एक अहम बयान जारी करते हुए राज्यपाल और झारखंड सरकार को आभार व्यक्त किया है। यह आभार उन विद्यार्थियों के हित में लिए गए निर्णय को लेकर है, जिन्हें अब उसी अंगीभूत महाविद्यालय से बारहवीं की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिल गई है, जहाँ से उन्होंने ग्यारहवीं कक्षा पास की थी।
डॉ. पाण्डेय ने कहा कि संघ के सतत प्रयासों, विभिन्न राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों की सक्रियता के परिणामस्वरूप राज्य के लगभग 50,000 विद्यार्थियों को असमंजस की स्थिति से मुक्ति मिली है। पहले जिन छात्रों का रजिस्ट्रेशन एक संस्था में और परीक्षा फॉर्म दूसरी संस्था से भरा जा रहा था, उनके प्रमाणपत्र पर भविष्य में सवाल खड़े हो सकते थे।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए महामहिम राज्यपाल ने सकारात्मक पहल की और एक व्यावहारिक समाधान निकाला। इसके लिए संघ राज्य सरकार और राज्यपाल दोनों का आभारी है।
डॉ. पाण्डेय ने सरकार से यह भी मांग की है कि अब राज्य के अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत इंटरमीडिएट शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों की सेवा को भी आगामी सात महीनों के बाद योग्यता के आधार पर कैसे बरकरार रखा जाए, इसपर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाए।
“हमें उम्मीद है कि सरकार भविष्य में भी इसी तरह संवेदनशीलता के साथ शिक्षा से जुड़े निर्णय लेती रहेगी,” — डॉ. राकेश पाण्डेय
