नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में “भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस)” पर आधारित कार्यशाला संपन्न

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जमशेदपुर : नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के केंद्रीय सभागार में शनिवार को भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के भौतिकी एवं भूगोल विभाग द्वारा, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ और आईक्यूएसी के सहयोग से किया गया। कार्यशाला का विषय था: “राजनीति से राग तक: आधुनिक शिक्षा के लिए प्राचीन भारतीय ज्ञान का सामंजस्य”, जिसे उपस्थित शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों द्वारा अत्यंत सराहनीय बताया गया।

मुख्य वक्ता: डॉ. पारोमिता रॉय और डॉ. अशोक कुमार मंडल

कार्यशाला की शुरुआत आरकेएमवीईआरआई कोलकाता की सहायक प्रोफेसर डॉ. पारोमिता रॉय के व्याख्यान से हुई, जिन्होंने “कौटिल्य के अर्थशास्त्र में ‘एक स्वास्थ्य’ की अवधारणा” पर आधारित अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि “एक स्वास्थ्य – एक राष्ट्र” नीति किस प्रकार मृदा, पशु, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को आपस में जोड़ती है, और किस प्रकार यह आज के सतत विकास लक्ष्यों, विशेषकर SDG-3 से जुड़ी हुई है।

कार्यशाला के दूसरे सत्र में एनआईटी जमशेदपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार मंडल ने भारतीय तार वाद्य यंत्रों के विज्ञान पर एक बेहद रोचक एवं व्यावहारिक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने संगीत की भौतिकी, कंपन और आवृत्तियों को वाद्ययंत्रों के माध्यम से समझाया और भारतीय वाद्ययंत्रों को भारतीय अस्मिता का प्रतीक बताया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने जोड़ा आकर्षण

कार्यशाला के दौरान विश्वविद्यालय की छात्राओं श्रबोना (बी.ए. अंग्रेजी) और कामिनी (बी.ए. भूगोल) द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक एवं क्षेत्रीय नृत्यों ने सांस्कृतिक वातावरण को और समृद्ध कर दिया। कार्यशाला में कुलपति डॉ. प्रभात कुमार पाणि, आईक्यूएसी निदेशक, विभागाध्यक्ष, डीन, संकाय सदस्य, शोधार्थी एवं अन्य विश्वविद्यालयों से आए प्रतिभागी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए और मुख्य वक्ताओं को डोगरा कलाकृतियों से सम्मानित किया गया।

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