चांडिल, सरायकेला-खरसावां:
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चांडिल रेंज स्थित रसुनियां पंचायत के हाथीनादा गांव में सोमवार की सुबह करीब 3:30 बजे जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। इस हमले में गांव के कई किसानों की फसलें और बागान नष्ट हो गए, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
किसानों को हुआ भारी नुकसान
गांव के निवासी विमल मांझी के खेत में लगे पपीता और आम के पेड़ पूरी तरह तबाह हो गए। विदेश मांझी के आम और कटहल के पेड़ भी हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिए। वहीं आनंद मांझी की लगभग एक एकड़ में फैली मकई की फसल को रौंदते हुए हाथियों ने व्यापक नुकसान पहुंचाया।
हाथियों का डर बना स्थायी संकट
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का यह झुंड लगातार इस क्षेत्र में विचरण कर रहा है और रोजाना किसी न किसी गांव को निशाना बना रहा है। इससे लोगों में लगातार भय और असुरक्षा का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मजबूत सुरक्षा व्यवस्था और शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है।
वन विभाग पर गंभीर लापरवाही के आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि चांडिल वन क्षेत्र के अधिकारी हाथियों की गतिविधियों को लेकर कोई एहतियाती कदम नहीं उठा रहे हैं। ना तो गश्ती दल तैनात है और ना ही ग्रामीणों को किसी प्रकार की सुरक्षा सहायता दी जा रही है।
दलमा से पलायन कर ईचागढ़ में जमे हाथी
जानकारी के अनुसार दलमा सेंचुरी से पलायन कर चुके हाथियों ने अब ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में स्थायी डेरा जमा लिया है। यहां पानी और भोजन की उपलब्धता के चलते हाथियों को रुकने में कोई परेशानी नहीं हो रही। चांडिल जलाशय के आसपास भी हाथियों की लगातार मौजूदगी देखी जा रही है।
सरकारी फंड, लेकिन राहत नदारद
ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र सरकार हर साल वन एवं पर्यावरण विभाग के माध्यम से राज्य को करोड़ों रुपये की राशि प्रदान करती है, लेकिन यह फंड हाथियों से बचाव या राहत कार्यों में नहीं लगाया जाता। परिणामस्वरूप गांव-गांव में हाथियों के हमलों से ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है।
