कहा – उनके नेतृत्व में बिहार के अल्पसंख्यकों को मिलेगा समुचित विकास, तहरीक बैदारी आंदोलन को बताया प्रेरणादायक
जमशेदपुर, 29 मई 2025 – झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने मौलाना गुलाम रसूल बिलयावी को बिहार अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि मौलाना बिलयावी के नेतृत्व में बिहार में अल्पसंख्यक समाज, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के ज्वलंत मुद्दों का समाधान होगा और उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

मौलाना बिलयावी के योगदानों की सराहना
हिदायतुल्लाह खान ने मौलाना बिलयावी की दीर्घकालीन सेवाओं को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हर पद पर रहते हुए समाज की भलाई के लिए कार्य किया है।
- बतौर राज्यसभा सांसद, मौलाना ने शिक्षा, रोजगार, अल्पसंख्यकों के अधिकार और आर्थिक विकास जैसे अहम मुद्दों को संसद में मजबूती से उठाया।
- वे इदारा शरिया के अध्यक्ष रहते हुए बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तहरीक बैदारी सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से मुसलमानों को सामाजिक कुरीतियों, खासकर दहेज, अशिक्षा और सामाजिक पिछड़ेपन के खिलाफ जागरूक करते रहे।
‘तहरीक बैदारी’ सम्मेलन को बताया प्रेरणास्रोत

हिदायतुल्लाह खान ने कहा कि मौलाना द्वारा शुरू की गई तहरीक बैदारी सिर्फ एक सामाजिक आंदोलन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जिसने हजारों परिवारों को सुधार की दिशा दिखाई।
- उन्होंने दहेज प्रथा के खिलाफ जनजागरण किया,
- शिक्षा को हर मुस्लिम परिवार की प्राथमिकता बनाने का संदेश दिया,
- और मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात को प्रमुखता दी।
बिहार के अल्पसंख्यकों के लिए आशा की किरण
बयान में हिदायतुल्लाह खान ने विश्वास जताया कि मौलाना बिलयावी के नेतृत्व में बिहार में अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक दशा में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा, “मौलाना जिस भी जिम्मेदारी को निभाते हैं, उसमें ईमानदारी, दृष्टिकोण और दूरदर्शिता साफ झलकती है। अब जब उन्हें बिहार अल्पसंख्यक आयोग की कमान सौंपी गई है, तो यह प्रदेश के अल्पसंख्यकों के लिए एक सुनहरा अवसर है।”

अंत में शुभकामनाएं
झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने अंत में कहा, “मैं तहे दिल से मौलाना गुलाम रसूल बिलयावी को बधाई देता हूं। उनके नेतृत्व में बिहार के अल्पसंख्यकों के शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। हम सब उनके सफल कार्यकाल की कामना करते हैं।”इस नियुक्ति को अल्पसंख्यक समाज में एक सशक्त नेतृत्व के आगमन के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल समस्याओं की समझ रखता है, बल्कि उनके समाधान की दिशा में प्रभावशाली पहल करने की क्षमता भी रखता है।
