New Delhi: असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत नजारा आज गुवाहाटी में देखने को मिला, जब चाय बगान के प्रसिद्ध झूमर नृत्य का भव्य आयोजन हुआ। इस रंगारंग कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी स्वयं उपस्थित रहे।
गुवाहाटी के ऐतिहासिक मंच पर प्रस्तुत इस नृत्य में चाय बगानों में काम करने वाले कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। झूमर नृत्य, जो अपनी लयबद्ध गतियों और सामूहिक तालमेल के लिए प्रसिद्ध है, ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने लोक संगीत की मधुर धुनों पर अद्भुत प्रदर्शन किया, जिससे पूरा माहौल असम की सांस्कृतिक धरोहर से ओत-प्रोत हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “असम की चाय केवल अपनी सुगंध से ही नहीं, बल्कि यहां की सांस्कृतिक विविधता से भी देश को जोड़ती है। झूमर नृत्य इस क्षेत्र की मेहनत और परंपरा का प्रतीक है, जिसे देश और दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।”
इस आयोजन में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत कई गणमान्य हस्तियां उपस्थित रहीं। झूमर नृत्य के इस भव्य प्रदर्शन ने न केवल असम की सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया, बल्कि लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से न केवल स्थानीय कलाकारों को मंच मिलता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक पहचान भी मिलती है। इस भव्य आयोजन ने असम की कला और संस्कृति के महत्व को पुनः स्थापित किया है, जो आने वाले वर्षों में और अधिक समृद्ध होने की उम्मीद है।
