घाटशिला महाविद्यालय के बंगला विभाग ने कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर को पुण्यतिथि पर अर्पित की श्रद्धांजलि

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घाटशिला, 7 अगस्त:
भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि के अवसर पर आज घाटशिला महाविद्यालय के बंगला विभाग द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में सम्पन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी. के. गुप्ता ने की।कार्यक्रम की शुरुआत बंगला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप चंद्रा द्वारा संचालन और परिचय प्रस्तुति से हुई। स्वागत भाषण बंगला विभाग के शिक्षक चिरंतन महतो ने दिया।

प्राचार्य डॉ. पी. के. गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में गुरुदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:

“गुलाम भारत के दौर में रवींद्रनाथ टैगोर ने भारतीय ज्ञान, मेधा और सांस्कृतिक चेतना का स्वरूप पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रवाद को साहित्य और संगीत के माध्यम से एक नया आयाम दिया। उनकी रचनाएँ आज भी हमारी चेतना को जाग्रत करती हैं और नई पीढ़ी को मार्गदर्शन देती हैं।”

रवींद्रनाथ टैगोर, जिन्होंने 1913 में गीतांजलि के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था, न केवल एक कवि और दार्शनिक थे, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सांस्कृतिक चेतना का स्वर भी थे। बंगला साहित्य और भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने गुरुदेव की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख शिक्षाविदों में शामिल थे:
डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ. दिलचंद राम, डॉ. कुमार विशाल, प्रो. राम विनय, प्रो. विकास मुंडा, मो. सज्जाद, डॉ. संजेश तिवारी, प्रो. पूंजीश बेदिया, डॉ. सींगो सोरेन, प्रो. सरजू पॉल, प्रो. मुकेश कुमार सिंह, प्रियंका दत्ता सहित अन्य शिक्षकगण।